जयपुर में आज सुबह से ही शुरू हुए बारिश के दौर के बीच शहर में बडा हादसा होते होते टल गया। सुबह हुई लगातार बारिश के बाद करतारपुरा नाले में अचानक उफान और पानी का तेज बहाव आ गया। जिसके चलते अलसुबह अंडरपास से होकर नाला पार करे रहे टोंक फाटक निवासी अधेड़ व्यक्ति को जान के लाले पड़ गए। नाले पर पानी का तेज बहाव होने पर बाइक फिसलकर नाले के पास दो दिन पहले लगाई रेलिंग में अटक गई। अधेड़ व्यक्ति द्वारा शोर मचाने पर पास रहने वाले कठूमर विधायक और उनके स्टाफ ने मिलकर नाले के किनारे फंसे व्यक्ति की जान बचाई। इस हादसे ने पिछले साल हुए हादसे की याद ताजा कर दी। जिसमें एक कार सवार युवक की इसी नाले में बहने से मौत हो गई थी। उसकी बॉडी कई दिनों बाद दूसरी जगह मिली थी। (फोटो – प्रवीण वर्मा) आज सुबह करीब सवा छह बजे जयपुर दिल्ली रेलवे लाइन पर करतारपुरा रेलवे अंडर पास से होकर गुजर रहे टोंक फाटक स्थित माहेश्चरी कॉलोनी निवासी किशोरी मीणा नाले पर पानी के तेज बहाव की चपेट में आ गया। किशोरी मीणा को नाले पर पानी का बहाव ज्यादा होने पर भी बाइक से नाला पार करने का दुस्साहर महंगा पड़ गया। पानी के तेज बहाव से उसकी बाइक फिसलकर नाल के पास लगी रेलिंग में फंस गई और वह बचाओ बचाओ चिल्लाकर मदद की गुहार लगाने लगा। शोर सुनकर पास रहने वाले कठूमर विधायक मंगलाराम कोली अपने स्टाफ के साथ मौके पर दौडक़र आए और रेलिंग में फंसे व्यक्ति को बाहर सकुशल बाहर निकाला। कंट्रोल रूम से सूचना मिलने पर ज्योतिनगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और किशोरी मीणा को अस्पताल भिजवाया। गौरतलब है कि बीते साल 25 अगस्त को टोंक फाटक निवासी आयुष ठीक इसी जगह नाले में आए तेज बहाव में कार समेत बह गया था। इस घटना ने पूरे शहर को झंकझोर कर रख दिया था वहीं आयुष का शव करीब एक सप्ताह बाद आपदा प्रबंधन की टीम ने नाले से खोजकर बाहर निकाला था। हादसे के बाद नाले के नजदीक सडक़ किनारे रेलिंग लगाने की मांग जोर पकड़ती रही वहीं प्रशासन ने महज दो दिन पहले ही आज के घटनास्थल के पास रेलिंग लगवाई है। घटनास्थल पर रेलिंग नहीं होने पर आज फिर एक साल पुरानी जैसी घटना की यादें ताजा कर देती। सडक़ किनारे लगी रेलिंग और स्थानीय लोगों की ओर से समय रहते मिली मदद ने किशोरी मीणा को मानों दूसरा जीवन दिया है। प्रशासन की लचर व्यवस्था के चलते आज भी करतारपुरा नाले के आस पास हादसों के पेच खुले पड़े हैं। नाल की दीवार के आस पास दीवारें क्षतिग्रस्त हैं वहीं दो दिन पहले प्रशासन ने रेलिंग तो लगाई लेकिन अब भी नाले के पास खुला छोड़ा गया बड़ा हिस्सा मानों हादसों को न्योता देता नजर आ रहा है।
जयपुर में आज सुबह से ही शुरू हुए बारिश के दौर के बीच शहर में बडा हादसा होते होते टल गया। सुबह हुई लगातार बारिश के बाद करतारपुरा नाले में अचानक उफान और पानी का तेज बहाव आ गया। जिसके चलते अलसुबह अंडरपास से होकर नाला पार करे रहे टोंक फाटक निवासी अधेड़ व्यक्ति को जान के लाले पड़ गए। नाले पर पानी का तेज बहाव होने पर बाइक फिसलकर नाले के पास दो दिन पहले लगाई रेलिंग में अटक गई। अधेड़ व्यक्ति द्वारा शोर मचाने पर पास रहने वाले कठूमर विधायक और उनके स्टाफ ने मिलकर नाले के किनारे फंसे व्यक्ति की जान बचाई। इस हादसे ने पिछले साल हुए हादसे की याद ताजा कर दी। जिसमें एक कार सवार युवक की इसी नाले में बहने से मौत हो गई थी। उसकी बॉडी कई दिनों बाद दूसरी जगह मिली थी। (फोटो – प्रवीण वर्मा) आज सुबह करीब सवा छह बजे जयपुर दिल्ली रेलवे लाइन पर करतारपुरा रेलवे अंडर पास से होकर गुजर रहे टोंक फाटक स्थित माहेश्चरी कॉलोनी निवासी किशोरी मीणा नाले पर पानी के तेज बहाव की चपेट में आ गया। किशोरी मीणा को नाले पर पानी का बहाव ज्यादा होने पर भी बाइक से नाला पार करने का दुस्साहर महंगा पड़ गया। पानी के तेज बहाव से उसकी बाइक फिसलकर नाल के पास लगी रेलिंग में फंस गई और वह बचाओ बचाओ चिल्लाकर मदद की गुहार लगाने लगा। शोर सुनकर पास रहने वाले कठूमर विधायक मंगलाराम कोली अपने स्टाफ के साथ मौके पर दौडक़र आए और रेलिंग में फंसे व्यक्ति को बाहर सकुशल बाहर निकाला। कंट्रोल रूम से सूचना मिलने पर ज्योतिनगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और किशोरी मीणा को अस्पताल भिजवाया। गौरतलब है कि बीते साल 25 अगस्त को टोंक फाटक निवासी आयुष ठीक इसी जगह नाले में आए तेज बहाव में कार समेत बह गया था। इस घटना ने पूरे शहर को झंकझोर कर रख दिया था वहीं आयुष का शव करीब एक सप्ताह बाद आपदा प्रबंधन की टीम ने नाले से खोजकर बाहर निकाला था। हादसे के बाद नाले के नजदीक सडक़ किनारे रेलिंग लगाने की मांग जोर पकड़ती रही वहीं प्रशासन ने महज दो दिन पहले ही आज के घटनास्थल के पास रेलिंग लगवाई है। घटनास्थल पर रेलिंग नहीं होने पर आज फिर एक साल पुरानी जैसी घटना की यादें ताजा कर देती। सडक़ किनारे लगी रेलिंग और स्थानीय लोगों की ओर से समय रहते मिली मदद ने किशोरी मीणा को मानों दूसरा जीवन दिया है। प्रशासन की लचर व्यवस्था के चलते आज भी करतारपुरा नाले के आस पास हादसों के पेच खुले पड़े हैं। नाल की दीवार के आस पास दीवारें क्षतिग्रस्त हैं वहीं दो दिन पहले प्रशासन ने रेलिंग तो लगाई लेकिन अब भी नाले के पास खुला छोड़ा गया बड़ा हिस्सा मानों हादसों को न्योता देता नजर आ रहा है।