नशा छुड़वाने के लिए परिजनों ने एक युवक को नशा मुक्ति केन्द्र ( drug addiction center ) में भर्ती कराया लेकिन वह वहां आग-बबूला हो गया। बीड़ी नहीं मिलने पर उसने कर्मचारी की हत्या कर दी। पकड़े जाने पर बोला, एक को तो निपटा दिया, तुम्हें भी मार दूंगा। एडीसीपी बजरंग सिंह ने बताया कि बगरना कच्ची बस्ती निवासी 34 वर्षीय मोहम्मद मुन्दजीर नशे का आदी है।
3 दिन पहले ही हुआ था भर्ती ( drug addict )
परिजनों ने उसे 11 जून को करणी विहार थाना इलाके में गांधीपथ स्थित नवजीवन नशामुक्ति केन्द्र में भर्ती कराया था। वहां गुरुवार रात मुन्दजीर ने केन्द्र के कर्मचारी बैन्जामिन से बीड़ी मांगी। बैन्जामिन ने कहा कि यहां नशे पर रोक है तो मुन्दजीर तमतमा उठा और धमकाने लगा। अन्य कर्मचारियों ने मुन्दजीर को समझा-बुझाकर सुलाया। मुन्दजीर 3 दिन पहले ही भर्ती हुआ था इसलिए निगरानी के लिए बैन्जामिन वार्ड के दरवाजे पर अंदर से ताला लगाकर वहीं सो गया।
तडक़े 3.30 बजे ही उठा और तौलिये से घोट दिया गला
तिलमिलाया मुन्दजीर शुक्रवार तडक़े 3.30 बजे ही उठ गया। तब बैन्जामिन सो रहा था। मुन्दजीर ने तौलिये से गला घोटकर उसकी हत्या कर दी। उसकी जेब से वार्ड की चाबी निकाली और ताला खोलकर पहली मंजिल से नीचे आ गया। केन्द्र के मुख्य गेट का ताला पत्थर से तोडऩे लगा तो आवाज सुनकर चौकीदार व अन्य कर्मचारी मौके पर आ गए।
तिलमिलाया मुन्दजीर शुक्रवार तडक़े 3.30 बजे ही उठ गया। तब बैन्जामिन सो रहा था। मुन्दजीर ने तौलिये से गला घोटकर उसकी हत्या कर दी। उसकी जेब से वार्ड की चाबी निकाली और ताला खोलकर पहली मंजिल से नीचे आ गया। केन्द्र के मुख्य गेट का ताला पत्थर से तोडऩे लगा तो आवाज सुनकर चौकीदार व अन्य कर्मचारी मौके पर आ गए।
एक को तो निपटा दिया, तुम्हें भी मार दूंगा
चौकीदार व अन्य कर्मचारियों ने पकड़ा तो मुन्दजीर ने धमकाया कि एक को तो मौत की नींद सुलाकर नीचे आया हूं, मुझे जाने नहीं दिया तो तुम्हें भी मार डालूंगा। बाद में पुलिस ने मुन्दजीर को गिरफ्तार कर लिया।
चौकीदार व अन्य कर्मचारियों ने पकड़ा तो मुन्दजीर ने धमकाया कि एक को तो मौत की नींद सुलाकर नीचे आया हूं, मुझे जाने नहीं दिया तो तुम्हें भी मार डालूंगा। बाद में पुलिस ने मुन्दजीर को गिरफ्तार कर लिया।
बैंजामिन भी बतौर मरीज आया था
मूलत: अजमेर निवासी बैंजामिन 5 साल पहले नशामुक्ति के लिए केन्द्र में भर्ती हुआ था। नशा छूटने के बाद वह यहीं रहकर वाहन चलाने और मरीजों की देखभाल करने का काम करने लगा था।
मूलत: अजमेर निवासी बैंजामिन 5 साल पहले नशामुक्ति के लिए केन्द्र में भर्ती हुआ था। नशा छूटने के बाद वह यहीं रहकर वाहन चलाने और मरीजों की देखभाल करने का काम करने लगा था।
फोटो – प्रतीकात्मक