अपने सोर्स के बारे में विचार करें
टफ कंवर्सेशन के दौरान आपको सामने वाले व्यक्ति की कम्यूनिकेशन एवं लर्निंग स्टाइल पर ध्यान देना होगा। माना सामने वाला व्यक्ति अंतर्मुखी हैं तो उसके लिए आपका बर्हुमुखी संवाद बिल्कुल अलग होगा। ऐसे में वार्तालाप के दौरान बीच में तनाव भी पैदा हो सकता है। इसलिए किसी भी संवाद को सहज बनाए रखने लिए जरूरी है कि सामने वाले व्यक्ति की लर्निंग स्टाइल पर ध्यान दिया जाए। विजुअल लर्नर की तरह ही संवाद के घटनाक्रम को नोट करें और विरोधाभास वाली स्थिति पैदा न होने दें।
सोच-समझ कर ही बोलें
अपने विचारों और संवाद के बीच आपको कुछ दूरी रखनी होगी यानी दिमाग में आने वाले हर विचार को संवाद में शामिल न करें। यदि साथियों के बीच किसी गंभीर विषय पर बातचीत हो रही है तो ऐसी कोई बात न कहें, जिससे तनाव बढऩे की संभावना हो। इसके लिए बेहतर यह होगा कि आप शांत रहकर सामने वाले व्यक्ति की बात सुनें। वार्तालाप के दौरान आपकी बॉडी लैंग्वेज भी नकारात्मक नहीं होनी चाहिए। इस तरह टफ कॉन्वर्सेशन से बच सकते हैं और साथ ही काम भी प्रभावित नहीं होगा। ऐसे में आप लक्ष्यों पर केंद्रित रह सकते हैं, जिसका फायदा आपको कॅरियर में भी मिलेगा।दिमाग शांत रखें
कई बार तो हम स्वयं को भावनात्मक रूप से स्ट्रॉन्ग महसूस करते हैं लेकिन कभी-कभी नकारात्मकता से भी भर जाते हैं। यही नकारात्मकता संवाद के दौरान भी नजर आती है, जिससे आपसी विवाद भी बढ़ जाता है। इसलिए बेहतर यही होगा कि स्वयं को शांत रखें एवं बेवजह के वार्तालाप से दूर रहें। दिमाग को कूल रखने के लिए मेडिटेशन करें।
सम्मान करें
वर्कप्लेस पर वार्तालाप के दौरान आपको इस बात का विशेषतौर पर ध्यान रखना चाहिए कि संवाद से सामने वाले व्यक्ति को किसी तरह की ठेस न पहुंचे। लोगों से उसी तरह से पेश आएं, जैसा आप स्वयं के साथ व्यवहार चाहते हैं। इसलिए यदि संवाद के दौरान भी समाने वाले व्यक्ति के सम्मान का खयाल रखेंगे तो विवाद पैदा नहीं होगा।
निराश न हो
यदि विरोधाभासी संवाद के दौरान सामने वाले व्यक्ति ने ऐसी कोई बात कही है, जिससे आप भावनात्मक रूप से आहत हुए हैं तो निराश होने बजाय उसके हेल्दी सॉल्यूशन पर ध्यान दें। देखा जाए तो डिफिक्लट कंवर्सेशन इमोशनल व्यक्ति को सबसे ज्यादा क्षति देता है। इसलिए सम्मानजनक रूप से अपनी बात रखें या फिर परिस्थिति के सामान्य होने पर खुलकर बात करें।