गहलोत सरकार बताए कि परिपत्र में निर्देशों के अनुसार कितने मन्दिरों की भूमि के विकास के लिए सम्बन्धित विभागों के नियमानुसार बिजली, पेयजल, ट्यूबवेल आदि के लिए कनेक्शन दिए गए ? फसल खराब होने की स्थिति में कितनी सहायता एवं अनुदान दिया गया ? कृषि विभाग की योजना अनुसार बीज, कृषि उपादान आदि पर कितना अनुदान दिया गया ? मन्दिर के पुजारी या पटवारी के द्वारा तहसीलदार को मन्दिर की भूमि पर अतिक्रमण होने की दशा में शिकायत कराने पर सरकार के द्वारा किन-किन मन्दिर माफी कृषि भूमियों को अतिक्रमण मुक्त करवाया गया ? इन मामलों में राज्य सरकार मौन क्यों है, प्रदेश की जनता को जवाब दें।
उन्होंने कहा कि 18 सितम्बर, 2018 में भाजपा सरकार ने मन्दिर माफी से सम्बन्धित प्रकरणों के बारे में मंत्री स्तरीय स्थायी समिति का गठन किया गया था। इसमें मन्दिर माफी की भूमि के समुचित उपयोग को लेकर जिला कलेक्टर तहसील स्तरीय मन्दिर प्रबन्ध समिति के मन्दिर माफी की भूमि से सम्बन्धित रिपोर्ट राज्य स्तरीय समिति के समक्ष निस्तारण के लिए प्रस्तुत कर उनका उचित रूप से निस्तारण करने का प्रावधान किया गया था। इसके बाद भी सरकार मंदिर माफी की जमीनों को अतिक्रमण मुक्त नहीं करवा पाई है।