देवउठनी एकादशी से हुआ मांगलिक कार्यों का ' श्रीगणेश'
दोपहर बाद एकादशी होने से छोटी काशी के देवालयों में देवउठनी एकादशी उत्सव कल

जयपुर। कार्तिक शुक्ल देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु क्षीर सागर में शेष शैय्या से उठेंगे। हालांकि बुधवार को एकादशी तिथि दोपहर बाद में शुरू होने से शहर आराध्य गोविंददेवजी मंदिर में देवउठनी एकादशी उत्सव गुरुवार को मनाया जाएगा। अन्य मंदिरों में भी उत्सव गुरुवार को मनाया जाएगा। गोविंद देवजी मंदिर में उदियात तिथि के अनुसार कल सुबह महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में सुबह धूप झांकी के बाद सालिगरामजी को चौकी सहित मंदिर के दक्षिण-पश्चिम कोने पर स्थित तुलसीजी मंच पर विराजमान किया जाएगा। यहां सालिगरामजी और तुलसीजी का पंचामृत अभिषेक कर पूजन किया जाएगा।
तुलसी-सालिगरामजी का होगा विवाह
गोविंददेवजी मंदिर में ठाकुरजी को लाल जामा पोशाक धारण कराई जाएगी और विशेष फूलों से शृंगार किया जाएगा। गोविंददेवजी के मातहत मंदिर राधा माधवजी कनकघाटी, रामगंज चौपड़ स्थित मुरली मनोहरजी सहित अन्य मंदिरों में भी देवउठनी एकादशी पर तुलसी-सालिगरामजी विवाह होगा। गलताजी में भी देव प्रबोधिनी एकादशी गुरुवार को मनाई जाएगी। सुभाष चौक पानों का दरीबा स्थित सरस निकुंज में महंत अलबेली माधुरी शरण के सान्निध्य में देवउठनी एकादशी पर ठाकुर राधा सरस बिहारी सरकार को सुबह पीठ के आचार्यों द्वारा रचित पदों की मधुर स्वर लहरियों के साथ जगाया जाएगा। अभिषेक, पूजा व शृंगार कार्यक्रम होंगे। शहर के अन्य मंदिरों में भी देवउठनी एकादशी धूमधाम से मनाई जाएगी।
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