हाल ही में जिला मलेरिया विभाग द्वारा वार्षिक रिपोर्ट जारी की गई है। इस रिपोर्ट के अनुसार बीते वर्ष मलेरिया से सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों में जुन्नारदेव, तामिया, हर्रई तथा मोहखेड़ विकासखंड शामिल हंै। जबकि परासिया, चौरई व पांढुर्ना की स्थिति नियंत्रण में रही।
विभाग का दावा है कि वर्ष २०१७ में दो लाख ८६ हजार से अधिक मरीजों की स्लाइड जांच की गई, जो कि लक्ष्य का ९७ प्रतिशत है।
कर्मचारियों की कमी बनी समस्या
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत मलेरिया विभाग में कार्यरत संविदा कर्मचारियों की सेवा समाप्त करने के निर्देश जारी किए गए थे। निर्देश के बाद ३५ कर्मचारियों की सेवा समाप्त कर दी गई। इसके चलते जमीनी स्तर पर होने वाला कार्य प्रभावित हुआ और सर्वे, दवा छिडक़ाव व अन्य का उचित क्रियान्वयन नहीं हो सका।
जिले में मलेरिया की अपेक्षाकृत स्थिति
ब्लॉक का नाम वर्ष २०१६ की स्थिति वर्ष २०१७ की स्थिति
स्लाइड जांच – पॉजिटिव स्लाइड जांच – पॉजिटिव
१. छिंदवाड़ा १६२९२ ३१ १८१४८ ३४
२. पिंडरई कला १०४२३ ४० १४२६६ ३५
३. मोहखेड़ २२३९७ ६९ २१९६९ १२६
४. परासिया ४१३१० ६१ ३७८५७ ५४
५. अमरवाड़ा १८४९१ ४३ २२८२७ ६७
६. चौरई २१६४४ १०२ २३९९१ ०६
७. सौंसर २७८६२ ३१ २६२४० १४
८. पांढुर्ना १९५९७ १५ १६३६८ ०६
९. जुन्नारदेव ३६६५५ ८० ४४४२३ ४७५
१०. तामिया २७५१३ २३२ २२१९२ ३५०
११. हर्रई १९४७७ १२८८ २३९७५ ११३६
१२. बिछुआ १४४०५ ६८ १३७५३ ३४