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गहलोत सरकार में विवादों का साया: 42 महीने के शासन में चार इस्तीफे, तीन मंत्री बर्खास्त और दो की बहाली

locationजयपुरPublished: May 28, 2022 01:30:26 pm

Submitted by:

firoz shaifi

-विधायक हेमाराम चौधरी, मंत्री लालचंद कटारिया गणेश घोगरा और अशोक चांदना ने की थी इस्तीफे की पेशकश, सचिन पायलट, रमेश मीणा और विश्वेंद्र सिंह को किया गया था मंत्रिमंडल से बर्खास्त, रमेश मीणा और विश्वेंद्र सिंह की फिर हुई थी कैबिनेट में बहाली

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फिरोज सैफी/जयपुर।

17 दिसंबर 2018 को सरकार के गठन के साथ ही गहलोत सरकार में विवादों का साया लगातार बना रहा। कभी नौकरशाही से मंत्रियों का टकराव हुआ तो कभी सचिन पायलट गुट और गहलोत गुट के बीच टकराव और बयानबाजी का दौर देखने को मिला। अपनों की ही बगावत के बाद आए सियासी संकट के चलते सरकार को 35 दिन बाड़ाबंदी ने भी रहना पड़ा और बगावत के चलते अपने ही मंत्रियों को बर्खास्त भी करना पड़ा।

आलम यह है कि गहलोत सरकार के 42 माह के शासनकाल में दो मंत्रियों और 2 विधायकों ने जहां नाराज होकर इस्तीफे की पेशकश की थी तो वहीं बगावत के चलते तीन मंत्रियों को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करना पड़ा। फिर उसी के बाद जब मंत्रिमंडल पुनर्गठन हुआ तो बर्खास्त किए गए तीन मंत्रियों से दो की बहाली भी हुई। और अब ताजा मामला खेल मंत्री अशोक चांदना का है जिन्होंने ब्यूरोक्रेसी से नाराज होकर मंत्री पद से इस्तीफे की पेशकश की थी।


दो विधायकों और दो मंत्रियों ने की इस्तीफे की पेशकश
गहलोत सरकार के साढ़े 3 साल के शासन काल में जिन दो विधायकों और दो मंत्रियों ने इस्तीफे की पेशकश की थी उनमें मंत्री लालचंद कटारिया, अशोक चांदना, विधायक हेमाराम चौधरी और गणेश घोगरा शामिल हैं।


-लालचंद कटारियाः-
मंत्री लालचंद कटारिया ने जून 2019 में लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफे की पेशकश की थी। हालांकि उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया था।


-हेमाराम चौधरीः-
वर्तमान में कैबिनेट मंत्री हेमाराम चौधरी ने पूर्व में सरकार में अपनी उपेक्षा होने और क्षेत्र के काम नहीं होने से नाराज होकर विधायक पद से इस्तीफे की पेशकश कर दी थी और अपना इस्तीफा विधानसभा स्पीकर को भेजा था हालांकि उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया था।


गणेश घोगराः-
डूंगरपुर से कांग्रेस विधायक गणेश घोगरा ने ने भी सरकार में अपनी उपेक्षा होने से नाराज होकर विधायक पद से इस्तीफे की पेशकश कर दी थी। हालांकि उनका भी इस्तीफा स्वीकार नहीं हो पाया।


मंत्री अशोक चांदनाः-
मंत्री अशोक चांदना ने ब्यूरोक्रेसी से नाराज होकर ट्वीट करके मंत्री पद से इस्तीफे की पेशकश की थी।हालांकि कल मुख्यमंत्री से अशोक गहलोत से मुलाकात के बाद उनके सुर बदल गए हैं।


इन तीन मंत्रियों की हुई थी बर्खास्तगी
वहीं गहलोत सरकार में सियासी संकट के दौरान तत्कालीन उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, कैबिनेट मंत्री रमेश मीणा और विश्वेंद्र सिंह को पार्टी से बगावत के चलते मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया था। हालांकि कांग्रेस आलाकमान से बातचीत के बाद उनकी कांग्रेस में वापसी हुई थी।


दो मंत्रियों की हुई थी बहाली
वहीं सियासी संकट के दौरान मंत्रिमंडल से बर्खास्त किए गए रमेश मीणा और विश्वेंद्र सिंह की कैबिनेट में बहाली हुई। 21 नवंबर 2021 को हुए मंत्रिमंडल का पुनर्गठन में रमेश मीणा और विश्वेंद्र सिंह को फिर से कैबिनेट मंत्री बनाया गया।

 

 

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