जयपुर

उपचुनाव में उठाए जाएंगे कई नए कदम, कोरोना के चलते स्टार प्रचारक कम किए, चुनाव खर्च बढ़ाया

कोरोना महामारी के बाद प्रदेश में पहली बार विधानसभा उप चुनाव होने हैं। भारत निर्वाचन आयोग और निर्वाचन विभाग प्रदेश में ‘सुरक्षित‘ उप चुनाव के लिए पहली बार ऐसे नवाचार करने जा रहा है, जो प्रदेश ही नहीं देश में भी अपने तरह की अनूठी मिसाल होगी।

जयपुरMar 01, 2021 / 04:20 pm

Ashish

जयपुर

कोरोना महामारी के बाद प्रदेश में पहली बार विधानसभा उप चुनाव होने हैं। भारत निर्वाचन आयोग और निर्वाचन विभाग प्रदेश में ‘सुरक्षित‘ उप चुनाव के लिए पहली बार ऐसे नवाचार करने जा रहा है, जो प्रदेश ही नहीं देश में भी अपने तरह की अनूठी मिसाल होगी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता का मानना है कि कोरोना काल में चुनाव करवाना बेहद मुश्किल और चुनौतीपूर्ण है लेकिन आयोग द्वारा नवाचार करते हुए कुछ ऐसे कदम उठाए जा रहे हैं। उप चुनाव में कोरोना को देखते हुए उम्मीदवारों को ऑफलाइन के साथ ऑनलाइन नामांकन का भी विकल्प दिया गया है। प्रार्थी घर बैठे भारत निर्वाचन आयोग द्वारा तैयार किए वेबपोर्टल और मोबाइल एप पर जाकर नामांकन दर्ज करवा सकेंगे और शपथ पत्र भी ऑनलाइन दे सकेंगे। अमूमन मतदान के लिए मतदान केंद्रों पर महिला व पुरुष की केवल दो पंक्तियों का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन इस बार के उपचुनाव में कोरोना को देखते हुए मतदाताओं को तीसरी पंक्ति भी नजर आएगी, जिसमें सीनियर सिटीजन और दिव्यांग मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे।

होगा आईटी का इस्तेमाल
प्रदेश में हो रहे उप चुनाव में रियल टाइम वोटर टर्न आउट जानने के लिए ‘बूथ एप‘ का भी इस्तेमाल किया जाएगा, जिसमें प्रत्येक मतदाता को वोटर पर्ची स्कैन हो सकेगी, जिससे चुनाव का रियल टाइम वोटर टर्न आउट का पता चल सकेगा।
100 मिनट में शिकायत का समाधान
आदर्श आचार संहित की पालना के लिए इस चुनाव में सी-विजिल एप का भी इस्तेमाल किया जाएगा, जिसमें कोई मतदाता आचार संहिता के उल्लंघन संबंधी किसी भी शिकायत का समाधान 100 मिनट में किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि इन विधानसभाओं के संवदेनशील और अतिसंवेदनशील मतदान केंद्रों की वेबकास्टिंग भी करवाई जाएगी। इसमें सीईओ कार्यालय द्वारा उन मतदान केंद्रों की लाइव मॉनिटरिंग भी की जा सकती है।

पोस्टल बैलेट का विकल्प
मुख्य निर्वाचन अधिकारी का कहना है कि विभाग के प्रयास हैं कि कोरोना काल में ज्यादा से ज्यादा मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करें। इसके प्रदेश में होने वाले उपचुनाव में पोस्टल बैलेट का विकल्प भी 80 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग, कोरोना संदिग्ध, क्वारंटीन और 40 फीसदी से अधिक दिव्यांग मतदाताओं को दिया जाएगा।
मतदान केन्द्रों में इजाफा
कोरोना महामारी को देखते हुए मतदान दिवस पर मतदान केंद्रों पर भीड़ को सुनियोजित करने के लिए पहली बार चारों विधानसभा क्षेत्रों में में 1000 से ज्यादा संख्या वाले मतदान केंद्रों की संख्या में करीब 45 प्रतिशत का इजाफा किया है।
सिर्फ दो व्यक्ति रह सकेंगे साथ
नामांकन पत्र भरने के दौरान केवल दो व्यक्ति अभ्यर्थी के नोमीनेशन में साथ रहेंगे तथा केवल दो वाहन ही अनुमत होंगे। वहीं डोर टू डोर अभियान के लिए भी प्रत्याशी सहित 5 आदमी ही जा सकेंगे। वहीं अधिकतम 5 वाहनों का काफिला अनुमत है। दो काफिलों के बीच 30 मिनट का अन्तराल भी सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है।
स्टार प्रचारक घटे, खर्च सीमा बढ़ाई
कोरोना को देखते हुए उम्मीदवारों के लिए आने वाले स्टार प्रचारकों की सीमा को भी नियंत्रित किया गया है। जहां राष्ट्रीय या प्रादेशिक दलों की संख्या को 40 से कम कर 30 किया गया है, वहीं अन्य राजनैतिक दल 20 के मुकाबले केवल 15 स्टार प्रचारकों को प्रचार के लिए बुला सकेंगे। इसके अलावा प्रचारकों की सूची भी चुनाव अधिघोषणा के 10 दिवस में मुख्य निर्वाचन अधिकारी को साैंपनी होगी। इस उपचुनाव में कोरोना की वजह से होने वाले अतिरिक्त खर्चे को देखते हुए उम्मीदवारों की खर्च सीमा को भी 28 लाख से बढ़ाकर 30.80 लाख किया गया है।

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