टीएसपी व नॉन टीएसपी एरिया के एससी, एसटी, ओबीसी, दिव्यांगजन, भूतपूर्व सैनिक व विधवा महिला वर्ग को छूट दी जा सकती है। न्यूनतम पांच से दस फीसदी की छूट दिए जाने की योजना है। हालांकि इस प्रस्ताव पर अगले सप्ताह चर्चा होने के बाद मुहर लगने की उम्मीद है।
1. जनजाति क्षेत्र : कम कट ऑफ पर मिल सकेगी नौकरी
जनजाति क्षेत्र में शिक्षक भर्ती में कट ऑफ कम रहने की वजह से पिछली भर्ती में काफी पद रिक्त रह गए। इन पदों को भरने की मांग को लेकर ही पिछले दिनों जनजाति क्षेत्र के युवाओं ने आंदोलन किया था। अब रीट में छूट मिलने से इस तरह की स्थिति बनने पर कम अंक वालों को भी नौकरी मिल सकेगी। पुराने नियमों की वजह से इनको रिक्त पद होने के बाद भी नौकरी नहीं दी जा रही थी।
2. गैर जनजाति क्षेत्र: कुछ वर्गो को मिलेगा फायदा
गैर जनजाति क्षेत्र की बात करें तो ज्यादातर वर्गों की सभी विषयों की कट ऑफ 60 फीसदी से ज्यादा ही रहती है। ऐसे में विधवा महिला, दिव्यांग व भूतपूर्व सैनिकों को सरकार की इस छूट का फायदा मिल सकता है।
फिलहाल रीट द्वितीय लेवल में 70 फीसदी रीट व 30 अंक स्नातक के शामिल कर मेरिट बनाई जाती है, लेकिन सरकार प्रदेश के युवाओं को फायदा देने के लिए रीट के वैटेज को 20 फीसदी तक कम कर सकती है। सूत्रों का कहना है कि दूसरे राज्यों के विद्यार्थियों के स्नातक में अधिक अंक होने की वजह से प्रदेश के युवाओं को काफी नुकसान होता हैं। इसके अलावा पिछली भर्ती में स्नातक की दूसरे विश्वविद्यालयों की अंकतालिका लगाने से भी मामला विवादों में आया था।
रीट भर्ती को लेकर अधिकारियों से चर्चा हो चुकी है। कुछ नियमों में बदलाव के बाद रीट की विज्ञप्ति जारी कराई जाएी। वैटेज के संबंध में जल्द निर्णय ले लिया जाएगा। रीट भर्ती में सरकार की मंशा प्रदेश के बेरोजगारों को पूरी तरह राहत देने की है। सरकार इसके लिए पूरी तरह जुटी हुई है।
गोविंद सिंह डोटासरा, शिक्षा मंत्री