scriptमुफ्त दाल वितरण में कई राज्यों के छूटे पसीने | Many states get sweat due to free pulses distribution | Patrika News

मुफ्त दाल वितरण में कई राज्यों के छूटे पसीने

locationजयपुरPublished: Jun 05, 2020 02:09:23 pm

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज ( Prime Minister’s Poor Welfare Package ) के तहत मुफ्त दाल लेनेे की योजना में अप्रेल के कोटे का वितरण ( distribution ) करने में बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल पीछे छूट गए है, जबकि इस योजना को लागू होने के बाद दो महीने और पूरे हो चुके हैं। कुल मिलाकर अधिकारियों के मुताबिक राज्यों ने केंद्र से मिली दाल में से आधे से भी कम बांटा है। बिहार को अप्रेल, मई और जून महीने में हर महीने करीब 17,000 टन दाल ( pulses ) का वितरण करना था।

मुफ्त दाल वितरण में कई राज्यों के छूटे पसीने

मुफ्त दाल वितरण में कई राज्यों के छूटे पसीने

महाराष्ट्र को अप्रेेल, मई और जून में हर महीने करीब 17,000 टन दाल मुफ्त मं बांटना था, लेकिन मई तक राज्य ने महज 6700 टन दाल का वितरण किया है। राज्यों में बुरा प्रदर्शन करने वालों में पश्चिम बंगाल शामिल है। उसे तीन महीने तक हर महीने 14,500 टन दाल बांटना था, लेकिन सरकार के रिकॉर्ड के मुताबिक मई के अंत तक उनसे वितरण शुरू नहीं किया है। सूत्रों ने कहा कि राज्य को करीब 17,000 टन दाल केंद्र सरकार से मिल चुकी है, लेकिन इसका वितरण अभी शुरू नहीं हुआ है।
गरीब कल्याण पैकेज के तहत केंद्र ने करीब 19.2 करोड़ परिवारों को अप्रेल, मई और जून के दौरान हर महीने एक किलो दाल मुफ्त देने का फैसला किया था। अप्रेल से जून तक राज्यों ने करीब 1.9 लाख टन दाल का वितरण हर महीने किया है, लेकिन कुछ राज्य अभी अप्रेल का कोटा भी नहीं बांट पाए है, जबकि दो महीने अवधि समाप्त हो गई। कुछ दिन पहले तक गरीब कल्याण योजना के तहत अप्रेल, मई और जून महीने के लिए 5.8 लाख टन मुफ्त दाल का आवंटन हुआ है और राज्यों को करीब 4.5 लाख टन दलहन मिला है, लेकिन राज्यों ने महज 2 लाख टन दाल लोगों तक पहुंचाई है। अब तक करीब 18 करोड़ परिवारों को मुफ्त दाल का कोटा मिल सका है, जबकि हर महीने 19.2 करोड़ परिवारों को दाल दी जानी थी। सूत्रों ने कहा कि मध्य प्रदेश में अपे्रल महीने का कोटा 12,000 टन का था, जबकि मई के अंत तक करीब 4000 टन का वितरण हुआ है। राज्य में एक महीने के कोटे की दाल भी नहीं बांटी जा सकी है।
वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों ने न सिर्फ अप्रेल का 35,000 टन का पूरा मुफ्त दाल का कोटा बांट दिया है, बल्कि वे मई और जून का कोटा एक बार में दिए जाने की तैयारी कर रहे हैं। एक अधिकारी ने कहा, ‘उत्तर प्रदेश ने हमसे चने की मांग की, यह एक वजह है कि वह समय पर बड़ी मात्रा में वितरण में सफल रहा।Ó असम का हर महीने का 6000 टन का कोटा है, जबकि उसने मई के अंत तक 7000 टन वितरित किया है। आंध्र प्रदेश को हर महीने 9000 टन दाल बांटनी थी, उसने एक बार में दो महीने का कोटा बांट दिया है। अंडमान निकोबार जैसे केंद्र शासित राज्य ने 3 महीने का पूरा कोटा वितरित कर दिया है।
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