गांव में नहीं मूलभूत सुविधाएं
धौलपुर के राजघाट गांव का नाम सुनते ही लोग अपनी बेटी की शादी इस गांव में करने से मना कर देते थे, क्योंकि इस गांव में मूलभूत सुविधाओं की कमी है। गांव की ऐसी बदहाली है कि यहां के किसी युवक की शादी नहीं हो पा रही थी, लेकिन दूल्हा बने पवन के चेहरे पर इतिहास बदलने की मुस्कान झलक रही है।
धौलपुर के राजघाट गांव का नाम सुनते ही लोग अपनी बेटी की शादी इस गांव में करने से मना कर देते थे, क्योंकि इस गांव में मूलभूत सुविधाओं की कमी है। गांव की ऐसी बदहाली है कि यहां के किसी युवक की शादी नहीं हो पा रही थी, लेकिन दूल्हा बने पवन के चेहरे पर इतिहास बदलने की मुस्कान झलक रही है।
मध्य प्रदेश में हुई शादी
पवन सिंह की शादी मध्य प्रदेश में हुई है। वे कुसैत से दुल्हन लेकर गांव पहुंचे तो गांव वालों और उनके घर के लोगों खुशी से झूम रहे थे। धौलपुर से पांच किमी दूर…अभी तक नहीं देखा टीवी-फ्रीज
उल्लेखनीय है कि राजघाट गांव धौलपुर जिला मुख्यालय से मात्र पांच किलोमीटर दूर है। फि र भी यहां पर बिजली की सुविधा नहीं है और न ही पीने के लिए साफ पानी मिलता है। गांव के लोग चंबल नदी का पानी पीने को मजबूर हैं।
पवन सिंह की शादी मध्य प्रदेश में हुई है। वे कुसैत से दुल्हन लेकर गांव पहुंचे तो गांव वालों और उनके घर के लोगों खुशी से झूम रहे थे। धौलपुर से पांच किमी दूर…अभी तक नहीं देखा टीवी-फ्रीज
उल्लेखनीय है कि राजघाट गांव धौलपुर जिला मुख्यालय से मात्र पांच किलोमीटर दूर है। फि र भी यहां पर बिजली की सुविधा नहीं है और न ही पीने के लिए साफ पानी मिलता है। गांव के लोग चंबल नदी का पानी पीने को मजबूर हैं।
एक तरफ जहां गांव-गांव शौचालय पहुंचाने की बात कही जा रही है, वहीं वर्तमान समय में यह गांव के लोगों की सोच शौचालय से कोसों दूर है। मूलभूत सुविधाओं के अलावा बात अगर गांव की साक्षरता की जाए तो, यहां पर साक्षर लोग के नाम मात्र के हैं। पुरुषों में तो साक्षरों की संख्या थोड़ी है भी, लेकिन महिलाओं में तो केवल दो ही ऐसी हैं जो अपना नाम मात्र तक लिख पाती हैं।
गांव वालों में खुशी
22 साल बाद गांव में शहनाई बजने के बाद लोगों के चेहरे पर एक उम्मीद की किरण आई है। 22 साल के बाद इस गांव के दूल्हे पवन मध्यप्रदेश के कुसैत से दुल्हन लेकर गांव पहुंचे, तो गांव में खुशी की लहर दौड़ गई। पवन की शादी के बाद गांव के लोगों में यह उम्मीद जगी है कि अब यहां की मूलभूत सुविधाओं पर जल्द ध्यान दिया जाएगा, ताकि युवाओं की जल्दी ही शादी की जा सके।
22 साल बाद गांव में शहनाई बजने के बाद लोगों के चेहरे पर एक उम्मीद की किरण आई है। 22 साल के बाद इस गांव के दूल्हे पवन मध्यप्रदेश के कुसैत से दुल्हन लेकर गांव पहुंचे, तो गांव में खुशी की लहर दौड़ गई। पवन की शादी के बाद गांव के लोगों में यह उम्मीद जगी है कि अब यहां की मूलभूत सुविधाओं पर जल्द ध्यान दिया जाएगा, ताकि युवाओं की जल्दी ही शादी की जा सके।