scriptशहीद श्योराम की पत्नी की बिगड़ी तबियत, जयपुर रैफर, प्रसव के 10 दिन पहले ही उठा पिता का साया, शोक में राजस्थान | martyr shyoram wife jaipur raffer due to Pregnancy | Patrika News

शहीद श्योराम की पत्नी की बिगड़ी तबियत, जयपुर रैफर, प्रसव के 10 दिन पहले ही उठा पिता का साया, शोक में राजस्थान

locationजयपुरPublished: Feb 19, 2019 09:11:26 pm

Submitted by:

rohit sharma

शहीद श्योराम की पत्नी की बिगड़ी तबियत, जयपुर रैफर, प्रसव के 10 दिन पहले ही उठा पिता का साया, शोक में राजस्थान

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जयपुर।

जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद श्योराम गुर्जर का अंतिम संस्कार आज उनके पैतृक गांव टीबा में किया गया। शहीद को उनके चार वर्षीय बेटे ने मुखग्रि दी। वहीं शहीद की पत्नी की अचानक तबियत बिगड़ने से उसे जयपुर रेफर करना पड़ा।
शहीद श्योराम की पत्नी सुनीता गर्भवती है। सुनीता 10 दिन बाद ही वह बच्चे को जन्म देने वाली थी। लेकिन बच्चे के दुनिया में कदम रखने के महज दस दिन पहले ही पिता का साया उठ गया। ये सोच कर पूरे गांव में शोक छाया हुआ है। चिकित्सक ने प्रसव में कम से कम 10 दिन का समय होने की बात कहीं है। वहीं वीरांगना की तबियत खराब होने के कारण उसे जयपुर लाया गया है।

शहीद श्योराम की पत्नी सुनीता गुर्जर को झुंझूनू से जयपुर के जनाना अस्पताल लाया गया था। सुनिता के आने से पहले ही पुलिस प्रशासन और कई अन्य लोग तो शहीद के सम्मान और वीरांगना की सहायता के लिए जनाना अस्पताल पहुंच गए। खुद चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा और परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने झुझूंनू से वीरांगना को अच्छे इलाज के लिए जयपुर भेजा है।
फिलहाल अस्पताल में सुनीता की जांच कर उसे अस्पताल में भर्ती किया गया। अस्पताल के सीनियर प्रोफेसर अनिल गुर्जर अस्पताल ने वीरांगना की हालत का जायज़ा लिया।

उन्होंने बताया कि जांच के अनुसार मां और बच्चा दोनों ही ठीक है। लेकिन महिला का पहला बच्चा भी सिजेरियन से हुआ था और अभी भी बच्चा सीधा नहीं है जिसके कारण सामान्य प्रसव में परेशानी हो सकती है। इसलिए जल्द ही महिला की सर्जरी की जाएगी। फिलहाल महिला को पूरे ऑबजर्वेशन में रखा गया है।
बता दें कि हवलदार श्योराम गुर्जर पुलवामा के पींगलेना में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान शहीद हो गए थे। उनका पार्थिव देह आज उनके पैतृक गांव पहुंचा। जिसके बाद अंतिम यात्रा घर से रवाना हुई जो श्मशान घाट पहुंची। जहां गार्ड ऑफ ऑनर देकर शहीद को अंतिम विदाई दी गई। श्योराम की शहादत का पूरे देश में गर्व है।
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