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Jodhpur Foundation Day: 565 साल का हुआ हमारा Jodhpur, बेंतमार मेले समेत रेगिस्तान ने बनाया खास

locationजयपुरPublished: May 12, 2023 02:08:54 pm

Submitted by:

Navneet Sharma

Jodhpur Foundation Day: राजस्थान (Rajsathan) का जोधपुर (Jodhpur) आज 12 मई को 565 साल का हो गया है। जोधपुर में शुक्रवार को 565वां स्थापना दिवस मनाया जा रहा है। जोधपुर शहर हमारे रजवाड़ों ‘मारवाड़’ की राजधानी माना जाता है।

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Jodhpur Foundation Day: राजस्थान (Rajsathan) का जोधपुर (Jodhpur) आज 12 मई को 565 साल का हो गया है। जोधपुर में शुक्रवार को 565वां स्थापना दिवस मनाया जा रहा है। जोधपुर शहर हमारे रजवाड़ों ‘मारवाड़’ की राजधानी माना जाता है। जोधपुर हमेशा से रजवाड़ों और राजस्थान की मिट्टी रेगिस्तान के बीच सुंदर महल और मंदिरों के लिए भी पहचाना जाता रहा है। हर वर्ष लाखों की संख्या में आने वाले देशी और विदेशी पर्यटक यहां के पर्यटन व्यवसाय को चार चांद लगाते हैं। यहां उम्मेद भवन पैलेस समेत कई बड़े होटल डेस्टिनेशन वेडिंग के साथ हॉलीवुड, बॉलीवुड शूटिंग के लिए खास माना जाता है।

धींगा गवर यानी बेंतमार मेला
राजस्थान का जोधपुर भारत का सबसे तेजी से उभरता, विकसित और सुंदर शहर बनने लगा है। जोधपुर ऐतिहासिक रूप से मारवाड़ राज्य की राजधानी था, जो अब राजस्थान का एक बड़ा हिस्सा है। यह पूरे भारत में लोगों के लोगों के लिए सन सिटी के रूप में भी जाना जाता है। जोधपुर शहर की गलियों में एक रात सिर्फ और सिर्फ औरतों का राज रहता हैं। सदियों से चली आ रही परम्परा के चलते इस रात पूरा शहर औरतों के अधीन होता हैं जब औरतें स्वांग रच कर अपने घर से बाहर निकलती हैं। परकोटा शहर के अलावा जहां-जहां इसका पूजन करने वाली महिलाएं रहती हैं उन मोहल्लों में भी समूह में पूजन होता है। चैत्र महीने की तृतीया से इसका पूजन शुरू होता है जो कि आगे 16 दिन तक चलता है। जोधपुर शहर में अलग-अलग मोहल्लों और महिलाओं के समूह बनाकर इसे पूजते हैं।

मेहरानगढ़ का किला बनाता है खास
जोधपुर का पुराना शहर मेहरानगढ़ किले की वजह से बहुत खास है, इसके चारों तरफ एक दीवार बनी हुई है जिसे परकोटा की तरह माना जाता है। जोधपुर शहर अब बड़ा विस्तार लेता जा रहा है, चारदिवारी से निकलकर अब शहर एक महानगर का रूप ले चुका है। यही नहीं इन दिनों तो राजस्थान की राजधानी जयपुर के बाद कोई दूसरा शहर आमलोगों की पसंद है तो वह है जोधपुर। यहां जमीनों की कीमत लगातार बढ़ती जा रही है साथ काम और व्यवसाय के लिहाज से भी यहां काफी लोग बाहर से आने लगे हैं।

यह है इतिहास
1947 में, जब भारत स्वतंत्र हुआ, राज्य संघ में विलय हो गया और जोधपुर राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा शहर बन गया. हालांकि, विभाजन के समय जोधपुर के शासक हनवंत सिंह भारत में शामिल नहीं होना चाहते थे, लेकिन आखिरकार, सरदार वल्लभभाई पटेल के काफी मनुहार और समझाइश के बाद जोधपुर राज्य को भारतीय गणतंत्र में शामिल किया गया था. बाद में राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 के बाद इसे राजस्थान राज्य के भीतर शामिल किया गया।

जोधपुर को राजस्थान की न्यायिक राजधानी कहा जाता है, राजस्थान का उच्च न्यायालय भी जोधपुर में ही स्थित है। यहां जोधपुर पूरे विश्व से जुड़ने के लिये अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा भी मौजुद है इसकी वजह से पर्यटकों को यहां आने जाने में सहुलियत रहती है। जोधपुर में एम्स जोधपुर, आईआईटी जोधपुर, एसएनएमसी जोधपुर, डीएसआरआरएयू जोधपुर, एनएलयू जोधपुर, एनआईएफटी जोधपुर हैं। इसके अलावा भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन, केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान, शुष्क वन अनुसंधान संस्थान, डेजर्ट मेडिसिन रिसर्च सेंटर जैसे कई शोध संस्थान भी शहर में भी स्थित हैं।

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