मसाला चौक में बंदरबांट, फिर भी जनता को महंगा स्वाद
मसाला चौक में अफसरों की यह भी करतूत

भवनेश गुप्ता
जयपुर। मसाला चौक में अफसरों ने भरपूर सुविधाएं विकसित में करोड़ों रुपए लुटाए। कियोस्क बनाकर बांटे, उन तक पानी—बिजली पहुंचाई और ओपन थिएटर बनाया जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग यहां पहुंचे। सड़क पर ही पार्किंग तक विकसित करा दी गई। यहां तक की प्राइम लोकेशन में कुछ ही किराया राशि लेने के बावजूद यहां लोगों को स्वाद के लिए ज्यादा दाम चुकाने पड़ रहे हैं। कियोस्क संचालनकर्ता यहां वही दाम वसूल रहे हैं, जो वे बाहर अपनी खुद की दुकान—प्रतिष्ठान पर ले रहे हैं। जबकि, स्वयं के प्रतिष्ठान पर तो सभी तरह की सुविधाएं खुद को जुटानी पड़ रही है।
गंभीर यह है कि जेडीए ने ही इसके लिए खुली छूट दे रखी है। जबकि, कई तरह की सुविधाएं नि:शुल्क उपलब्ध कराई जा रही है, जिसका खर्च भी जेडीए ही उठा रहा है। सवाल यह है कि यह सुविधा जरूरतमंद (गरीब) के लिए नहीं, बल्कि ज्यादार उन बड़े व्यवसायियों को उपलब्ध कराई जा रही है जो इस जगह पर वास्तविक कॉमर्शियल गतिविधि के लिए किराया देने में सक्षम है। गौरतलब है कि हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद रामनिवास बाग में व्यावसायिक गतिविधि संचालित की जा रही है।
जब विद्युत कनेक्शन कॉमर्शियल तो गतिविधि कॉमर्शियल क्यों नहीं
रामनिवास बाग में कॉमर्शियल गतिविधि पर पहले हाईकोर्ट रोक लगा चुका है। सूत्रों के मुताबिक दोबारा ऐसी स्थिति से बचने के लिए जेडीए ने मसाला चौक की इस कॉमर्शियल गतिविधि को छिपाने के लिए किराया राशि कम रखी और कई नि:शुल्क सुविधा मुहैया कराने का प्लानिंग की। इसके लिए एमपी थिएटर के निर्माण की आड़ भी ली जा रही है। सवाल यह उठ रहा है कि जब जयपुर डिस्कॉम ने विद्युत कनेक्शन ही कॉमर्शियल दिया है तो यह गतिविधि स्वत: ही कॉमर्शियल दायरे में आ गई। हालांकि, स्थानीय लोगों ने कोर्ट में अपील दायर कर रखी है।
जवाब मांगते सवाल
- यदि कोर्ट के किसी तरह की प्रक्रिया से बचने के लिए इस तरह की व्यवस्था की गई है तो भी इतना कम किराया लेने की प्रक्रिया समझ से परे।
- गरीब-जरूरतमंदों को कियोस्क उपलब्ध कराए जाते तो और तब यही किराया लिया जाता तो मेंटीनेंस शुल्क के रूप में यह माना जा सकता था। ऐसा नहीं हुआ।
-एकबारगी किराया राशि उचित मान ली भी जाए तो नि:शुल्क दी जा रही सुविधाओं की लागत का आकलन क्यों नहीं जोड़ा गया। कॉमर्शियल गतिविधि का भी भार जनता के उपर क्यों डाला जा रहा है।
-बिना अपेक्षित पार्किंग विकसित किए ही संचालन किस तरह शुरू कर दिया गया।
यह दी सुविधा
-नि:शुल्क पार्किंग
-वाई-फाई
-एमपी थिएटर की सुविधा
(स्वयं का प्रतिष्ठान होने पर इसका भुगतान खुद संचालनकर्ता उठाता है)
सड़क पर 100 वाहनों की पार्किंग
जेएलएन मार्ग (रामनिवास बाग गेट से मेडिकल कॉलेज गेट से पहले तक) पर 100 चौपहिया वाहनों के लिए सड़क किनारे ही पार्किंग विकसित की गई है। यहां दो लेन में पार्किंग के लिए है।
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