इस तरह हुई थी डॉक्टर से मुलाकात
एडिशन कमिश्नर अजयपाल लांबा ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी शेखर अग्रवाल (38) पुत्र रामदास अग्रवाल, राम मार्ग श्याम नगर का रहने वाला है। वहीं, उसका भांजा जतिन जैन सीताबाड़ी, सांगानेर में रहता हैं। शेखर बड़ी चौपड़ पर मेंहदी का चौक में पिछले 10 साल से एनजे बुलियंस एंड अर्नामेंट्स के नाम से फर्म चलाकर ज्वैलरी कारोबार करता है। जबकि जतिन के नाम से एक फर्म बोरला है जो नारायण सिंह सर्किल में है, जो सिल्वर ज्वैलरी का काम करती हैं। पूछताछ में सामने आया कि 2018 में शेखर की डॉ. सुनीत सोनी से मुलाकात उसके दोस्त और सुनीत सोनी के साले गौरव सोनी के जरिए हुई थी। तब उसने सुनीत को सोने में इनवेस्टमेंट की सलाह दी थी, जिसे उसने मना कर दिया था वाद में उसने इंवेस्टमेंट के लिए चांदी खरीदकर निवेश शुरू किया। शेखर ने जून 2018 से सितंबर 2020 तक सुनीत सोनी को चांदी की 30 सिल्लियां दिलवाई थीं। एक सिल्ली का वजन करीब 30 किलो था। इसके अलावा पहले करीब 35 सिल्लियां सुनीत के पास रखी थीं। इनको शेखर अग्रवाल के परिचित बनवारी जांगिड़ की मदद से बेसमेंट में दीवार के नीचे बॉक्स बनवा कर रखवाया था।
सुनीत सोनी ने बना रखी थी फर्म-
आरोपी शेखर ने बताया कि सुनीत सोनी और उसके परिवार वालों ने चांदी सोने की फर्म बना रखी थी, जिसमें वह उसके माध्य से गोल्ड ज्वैलरी खरीद को शो करते थे, जिसके बिल मैं उन्हें देता था। चांदी खरीदने के लिए पैसा वह उसे देते थे। वह पैसों को बिल में एडजस्ट कर देता था। हेयर ट्रांसप्लांट मरीजों को इलाज के लिए पैसों की आमद को मरीजों को ज्वैलरी बेचकर पैसा लेना दिखाते थे, क्योकि ज्वैलरी पर केवल 3 प्रतिशत जीएसटी है, तथा हेयर ट्रांसप्लांट पर 18 प्रतिशत जीएसटी हैं।
आरोपी शेखर ने बताया कि सुनीत सोनी और उसके परिवार वालों ने चांदी सोने की फर्म बना रखी थी, जिसमें वह उसके माध्य से गोल्ड ज्वैलरी खरीद को शो करते थे, जिसके बिल मैं उन्हें देता था। चांदी खरीदने के लिए पैसा वह उसे देते थे। वह पैसों को बिल में एडजस्ट कर देता था। हेयर ट्रांसप्लांट मरीजों को इलाज के लिए पैसों की आमद को मरीजों को ज्वैलरी बेचकर पैसा लेना दिखाते थे, क्योकि ज्वैलरी पर केवल 3 प्रतिशत जीएसटी है, तथा हेयर ट्रांसप्लांट पर 18 प्रतिशत जीएसटी हैं।
4 से 5 करोड़ रुपए का था शेखर पर कर्जा
पूछताछ में सामने आया कि शेखर अग्रवाल पर करीब 4-5 करोड़ रुपए का कर्जा था। इसको चुकाने के लिए रकम की व्यवस्था नहीं हुई। तब उसने अपने रिश्तेदार जतिन और परिचित बनवारी लाल जांगिड़ के साथ मिलकर डॉ. सुनीत सोनी के घर में चांदी चुराने की योजना बनाई। एसओजी ने चांदी की लगभग 10 सिल्लियां बरामद कर 9 लोगों को गिरफ्तार कर लिया था। एसओजी की टीम भी शेखर अग्रवाल की तलाश में जुटी थी।
पूछताछ में सामने आया कि शेखर अग्रवाल पर करीब 4-5 करोड़ रुपए का कर्जा था। इसको चुकाने के लिए रकम की व्यवस्था नहीं हुई। तब उसने अपने रिश्तेदार जतिन और परिचित बनवारी लाल जांगिड़ के साथ मिलकर डॉ. सुनीत सोनी के घर में चांदी चुराने की योजना बनाई। एसओजी ने चांदी की लगभग 10 सिल्लियां बरामद कर 9 लोगों को गिरफ्तार कर लिया था। एसओजी की टीम भी शेखर अग्रवाल की तलाश में जुटी थी।
डॉक्टर के स्टाफ ने शेखर को बताया कि चांदी कहां छिपा रखी है
इसके बाद शेखर अग्रवाल ने डॉ. सुनीत सोनी के यहां क्लिनिक में कर्मचारी आशीष से पता लगाया कि डॉक्टर ने चांदी दीवार के बजाए अब बेसमेंट में बने कॉन्फ्रेंस रूम में जमीन में छिपा दी है। इसके बाद करीब एक सप्ताह तक वहां खुदाई का काम किया गया। 10 फरवरी को काम रोक दिया। फिर 11 फरवरी को कालूराम, बनवारीलाल जांगिड़, रामकरण, नईम, जाकिर व मुनासिफ ने लोहे के बक्से को काटकर 17 सिल्लियां चुरा लीं। इनको लेकर आम्रपाली मार्ग पहुंचकर शेखर अग्रवाल की गाड़ी में रख दी। जिन कारोबारियों से शेखर अग्रवाल ने उधार लिए थे, उनको ये सिल्लियां दे दीं।
इसके बाद शेखर अग्रवाल ने डॉ. सुनीत सोनी के यहां क्लिनिक में कर्मचारी आशीष से पता लगाया कि डॉक्टर ने चांदी दीवार के बजाए अब बेसमेंट में बने कॉन्फ्रेंस रूम में जमीन में छिपा दी है। इसके बाद करीब एक सप्ताह तक वहां खुदाई का काम किया गया। 10 फरवरी को काम रोक दिया। फिर 11 फरवरी को कालूराम, बनवारीलाल जांगिड़, रामकरण, नईम, जाकिर व मुनासिफ ने लोहे के बक्से को काटकर 17 सिल्लियां चुरा लीं। इनको लेकर आम्रपाली मार्ग पहुंचकर शेखर अग्रवाल की गाड़ी में रख दी। जिन कारोबारियों से शेखर अग्रवाल ने उधार लिए थे, उनको ये सिल्लियां दे दीं।
इस तरह हुए थे फरार-
25 फरवरी को सुनीत सोनी के साथ बोलेरो गाड़ी को आता देखकर उसे शक हुआ तो वह सीधा बहन सरिता टोंक रोड की तरफ गया। वहां कमल एण्ड कंपनी के पास गाड़ी से उतर गया। वहीं पर जतिन को फोन करके बुला लिया। दनों छोटी बहन निशा के घर गुर्जर की थड़ी गए थे। जतिन ने अपनी गाड़ी वहां छोड़ी और बहन की कार लेकर हरमाड़ा की तरफ गए और वहां से दौसा चले गए। दौसा से वह दिल्ली गए और एक गाड़ी में एक पेट्रोल पंप पर रुके थे। दूसरे दिन गाड़ी को एम्स अस्पताल के आस-पास छोड़कर बस से हरिद्वार चले गए। महाशिवरात्री तक करीब 8-9 मार्च को वहीं पर रुके थे। हरिद्वार में दुकानों के सामने और घाटों पर सोए थे। उनके पास मात्र 13 हजार 500 रुपए थे। तथा दिल्ली में पेट्रोल पंप पर गाड़ी छोड़कर उसके बदले 30 हजार रुपए और लिए थे। 9 मार्च के बाद वह ऋषिकेश चले गए थे, वहां पर टैन्ट में रहे। उसके बाद वह उखी मठ उत्तराखण्ड में चले गए थे। वहां पर होम स्टे में रहे थे। वहां से नेपाल भागने की फिराक में थे, तभी पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया।
25 फरवरी को सुनीत सोनी के साथ बोलेरो गाड़ी को आता देखकर उसे शक हुआ तो वह सीधा बहन सरिता टोंक रोड की तरफ गया। वहां कमल एण्ड कंपनी के पास गाड़ी से उतर गया। वहीं पर जतिन को फोन करके बुला लिया। दनों छोटी बहन निशा के घर गुर्जर की थड़ी गए थे। जतिन ने अपनी गाड़ी वहां छोड़ी और बहन की कार लेकर हरमाड़ा की तरफ गए और वहां से दौसा चले गए। दौसा से वह दिल्ली गए और एक गाड़ी में एक पेट्रोल पंप पर रुके थे। दूसरे दिन गाड़ी को एम्स अस्पताल के आस-पास छोड़कर बस से हरिद्वार चले गए। महाशिवरात्री तक करीब 8-9 मार्च को वहीं पर रुके थे। हरिद्वार में दुकानों के सामने और घाटों पर सोए थे। उनके पास मात्र 13 हजार 500 रुपए थे। तथा दिल्ली में पेट्रोल पंप पर गाड़ी छोड़कर उसके बदले 30 हजार रुपए और लिए थे। 9 मार्च के बाद वह ऋषिकेश चले गए थे, वहां पर टैन्ट में रहे। उसके बाद वह उखी मठ उत्तराखण्ड में चले गए थे। वहां पर होम स्टे में रहे थे। वहां से नेपाल भागने की फिराक में थे, तभी पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया।