चौबीस साल पुराना है मामला
बता दें कि बाबरी विध्वंस के बाद 1993 में सपा-बसपा ने गठबंधन कर साथ चुनाव लड़े थे। इसके बाद मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री बने और गठबंधन सरकार भी बनाई, लेकिन दो साल में ही रिश्तों में खटास आ गई। 2 जून 1995 को मायावती ने गठबंधन तोड़ने को लेकर स्टेट गेस्ट हाउस में बसपा विधायकों की बैठक बुलाई, जहां सपा नेताओं ने सैकड़ों समर्थकों के साथ गेस्ट हाउस पर हमला कर दिया। सपा नेताओं के हमले से बचने के लिए मायावती ने खुद को कमरे में बंद कर लिय था। आरोप है कि सपा के नेताओं ने मायावती के साथ बदसलूकी की थी. यह विवाद पूरे देश में चर्चित हुआ था।
बता दें कि बाबरी विध्वंस के बाद 1993 में सपा-बसपा ने गठबंधन कर साथ चुनाव लड़े थे। इसके बाद मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री बने और गठबंधन सरकार भी बनाई, लेकिन दो साल में ही रिश्तों में खटास आ गई। 2 जून 1995 को मायावती ने गठबंधन तोड़ने को लेकर स्टेट गेस्ट हाउस में बसपा विधायकों की बैठक बुलाई, जहां सपा नेताओं ने सैकड़ों समर्थकों के साथ गेस्ट हाउस पर हमला कर दिया। सपा नेताओं के हमले से बचने के लिए मायावती ने खुद को कमरे में बंद कर लिय था। आरोप है कि सपा के नेताओं ने मायावती के साथ बदसलूकी की थी. यह विवाद पूरे देश में चर्चित हुआ था।
सपा नेताओं के खिलाफ लगे थे केस
इस मामले में मुलायम सिंह यादव, शिवपाल यादव, बेनी प्रसाद वर्मा और आजम खान सहित कई सपा नेताओं के खिलाफ मायावती ने हजरतगंज कोतवाली में केस दर्ज करवाया था। यह मामला आज भी अदालत में लंबित है। यह मामला इतना बड़ा था कि मायावती और समाजवादी पार्टी के बीच किसी भी संबंध का सबसे बड़ा रोड़ा माना जाता है, लेकिन पिछले चुनाव में गठबंधन के समय इस केस को किनारे रखकर दोनों दल साथ आए थे। हालांकि, तभी से इस बात की चर्चा थी कि देर सवेर गेस्ट हाउस कांड पर मायावती नरम हो सकती हैं।
इस मामले में मुलायम सिंह यादव, शिवपाल यादव, बेनी प्रसाद वर्मा और आजम खान सहित कई सपा नेताओं के खिलाफ मायावती ने हजरतगंज कोतवाली में केस दर्ज करवाया था। यह मामला आज भी अदालत में लंबित है। यह मामला इतना बड़ा था कि मायावती और समाजवादी पार्टी के बीच किसी भी संबंध का सबसे बड़ा रोड़ा माना जाता है, लेकिन पिछले चुनाव में गठबंधन के समय इस केस को किनारे रखकर दोनों दल साथ आए थे। हालांकि, तभी से इस बात की चर्चा थी कि देर सवेर गेस्ट हाउस कांड पर मायावती नरम हो सकती हैं।