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पैराशूटी महापौर मामले पर खाचरियावास के बदले सुर, कहा सीएम—डिप्टी सीएम करेंगे निर्णय

locationजयपुरPublished: Oct 21, 2019 08:04:35 pm

Submitted by:

Umesh Sharma

बिना पार्षद का चुनाव लड़े महापौर और निकाय प्रमुख ( Mayor Election ) बनाने के फैसले का विरोध करने वाले कांग्रेस ( Rajasthan Congress ) के कुछ नेताओं ने अब इस मामले में चुप्पी साध ली है। इन नेताओं का कहना है कि अब मामला सीएम ( Ashok Gehlot ) और डिप्टी सीएम ( Sachin Pilot ) के बीच है और वो दोनों मिलकर ही इस संबंध में कोई निर्णय करेंगे।

पैराशूटी महापौर मामले पर खाचरियावास के बदले सुर, कहा सीएम—डिप्टी सीएम करेंगे निर्णय

पैराशूटी महापौर मामले पर खाचरियावास के बदले सुर, कहा सीएम—डिप्टी सीएम करेंगे निर्णय

जयपुर।
परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ( Roadways Minister Pratap Singh Khachariyawas ) ने भी इस फैसले पर नाराजगी जताई और पुनर्विचार की मांग की। मगर सोमवार को अपने आवास पर पायलट से जब हाइब्रिड महापौर के संबंध में प्रश्न पूछा गया तो उन्होंने चुप्पी साध ली। खाचरियावास ने कहा वे अब इस मुद्दे पर नही बोलेगें क्योंकि इस मामले पर पीसीसी चीफ सचिन पायलट का बयान आ चुका हैं। इसलिए अब इसका निर्णय संगठन के स्तर पर ही होगा। खाचरियावास ने कहा कि धारीवाल कुछ भी कहें लेकिन अब मामला अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच का है और वे ही इस पर निर्णय लेंगे।
यूं शुरू हुआ था विरोध
स्वायत्त शासन विभाग ने बिना पार्षद का चुनाव लड़ने वाले और पार्षद का चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार को महापौर और निकाय प्रमुख बनाने का फैसला किया है। इस फैसले के बाद भाजपा तो हमलावर हो ही गई, मगर कांग्रेस के भी कुछ नेताओं ने इस निर्णय का विरोध किया। यहां तक उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी इस फैसले पर असहमति जताते हुए कहा कि इससे बैकडोर एंट्री को बढ़ावा मिलेगा। यही नहीं पायलट ने यह भी कहा कि यह निर्णय विभाग के स्तर पर किया गया है। संगठन, कैबिनेट और विधायकों से इस संबंध में कोई चर्चा नहीं की गई।
बवाल शांत करना टेढ़ी खीर
निकाय प्रमुखों की सरकार ने लॉटरी निकाल दी है। जयपुर में दोनों महापौर ओबीसी महिला बनेंगी। मगर अभी तक दोनों ही पार्टियों के पास ओबीसी महिला नेताओं का फिलहाल टोटा सा नजर आ रहा है। ऐसे में पैराशूटी महापौर बनाने का फैसला दोनों ही पार्टियों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। अब देखना होगा कि कांग्रेस के बीच इस फैसले को लेकर चल रहे बवाल को कैसे शांत किया जाता है।

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