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लुटिया डूबने की आशंका से बदला सीधे चुनाव कराने का आदेश, मगर कांग्रेस का सूपड़ा साफ होगा

locationजयपुरPublished: Oct 14, 2019 04:55:49 pm

Submitted by:

Umesh Sharma

राज्य सरकार ( Rajasthan Government ) ने अपना ही फैसला पलटकर अब महापौर, सभापति और चेयरमैन का चुनाव पार्षदों ( Mayor Election ) के माध्यम से कराने का फैसला किया है। इसे लेकर भाजपा ने सरकार को घेरा है। पूर्व मंत्री और विधायक कालीचरण सराफ ( Mla Kalicharan Saraf) ने दावा किया कि सरकार कैसे ही चुनाव करवा ले, जनता इन्हें नकार चुकी है।

कांग्रेस महापौर का कैसे ही करवा ले चुनाव, सूपड़ा साफ होगा

कांग्रेस महापौर का कैसे ही करवा ले चुनाव, सूपड़ा साफ होगा

जयपुर।

सराफ ने कहा कि कांग्रेस ने सरकार में आते ही सबसे पहले महापौर—सभापति का चुनाव प्रत्यक्ष तरीके से कराने का फैसला किया था, लेकिन चुनाव में अपनी लुटिया डूबने की आशंका के चलते यह आदेश बदला गया है। मगर कांग्रेस कैसे ही चुनाव करवा ले, निकाय चुनाव में उनका सूपड़ा साफ होगा।
सराफ ने भाजपा मुख्यालय पर प्रेस वार्ता में कहा कि हम शुरू से ही प्रत्यक्ष चुनाव कराने के विरोध में थे। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह चुनाव पर होने वाली फिजूलखर्ची थी। मगर कांग्रेस ने होर्स ट्रेडिंग, पार्षदों की खरीद—फरोख्त का उदाहरण देकर इस आदेश को बदल दिया। हमने विधानसभा में भी इस मुद्दे को उठाया था। मगर अब वही कांग्रेस अपने फैसले पर यू-टर्न ले रही है।
बैकफुट पर दिख रही सरकार
सराफ ने कहा कि कांग्रेस सरकार बैकफुट पर दिख रही है। जम्मू—कश्मीर में धारा 370 और 35ए के हटने के बाद ही सरकार ने यह फैसला वापस लिया है। कांग्रेस सरकार ने अपनी फजीहत से बचने के लिए उस समय मूर्खतापूर्ण फैसला किया था। सराफ ने पूछा कि क्या अब हॉर्स ट्रेडिंग नहीं होगी। क्या अब नहीं की जाएगी बाड़ेबंदी? सराफ़ ने दावा किया कि आने वाले सभी चुनाव में कांग्रेस का सूपड़ा साफ होगा।
गहलोत का एक पैर दिल्ली और एक जयपुर में
सराफ ने कहा कि सीएम अशोक गहलोत अब तक 86 बार दिल्ली जा चुके हैं। पहले वो सीएम बनने के लिए, उसके बाद मंत्रियों के नाम फाइनल, फिर मंत्रियों के विभाग बंटवारे के लिए दिल्ली गए। आज भी उनका एक पैर जयपुर और दूसरा दिल्ली में है। सराफ ने मीसा बंदियों की पेंशन बंद करने के फैसले का भी विरोध किया और कहा कि देश की आजादी के बाद लोकतंत्र बचाने का यह सबसे बड़ा आंदोलन था। सराफ़ ने इस लोकतंत्र विरोधी फैसले को वापस लेने की मांग की।

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