जयपुर

ईडबल्यूएस की 8 लाख सालाना आय, एमबीबीएस कोर्स के लिए 5 साल में चुकाएंगे एक करोड़ रुपए

बड़ा सवाल :::: जमीन-जायदाद गिरवी रखकर लोन लेंगे या बेचनी होंगी संपत्तियां ?
सरकारी कॉलेजों में आरक्षित श्रेणी की टयूशन फीस माफ, निजी में नहीं

जयपुरNov 29, 2022 / 12:41 pm

Vikas Jain

विकास जैन
जयपुर। राज्य के निजी मेडिकल कॉलेजों से एमबीबीएस कोर्स करने वाले ईडबल्यूएस श्रेणी के छात्र-छात्राओं को डॉक्टर बनने के लिए अपने परिवार की सालाना आय से करीब दोगुनी फीस चुकानी होगी। आठ लाख सालाना आय वाले परिवारों को बच्चों को इस श्रेणी के योग्य माना गया है। लेकिन इनकी सालाना फीस करीब 20 लाख रुपए है, जो पांच साल के लिए करीब एक करोड़ रुपए तक होगी।
बड़ा सवाल यह है कि इतनी कम आय वाले परिवारों के बच्चे इतनी भारी फीस किस तरह चुका सकते हैं ? इसके लिए उन्हें जमीन-जायदाद बेचने की नौबत आने की आशंका है। इस समय राज्य के निजी मेडिकल कॉलेजों से एमबीबीएस करने के लिए ईडबल्यूएस की 138 सीट है। राज्य सरकार ने आरक्षिण सभी श्रेणियों के लिए सरकारी कॉलेजों में टयूशन फीस माफ की है, लेकिन निजी कॉलेजों में यह छूट नहीं है।
बड़े सवाल

– जितना ये परिवार एक वर्ष में कमा रहे हैं, उससे 12 लाख अधिक तो अपने बच्चों को एमबीबीएस पढ़ाने के लिए खर्च करने होंगे, फिर ये परिवार कैसे चलाएंगे ?
3. शेष 12 लाख की राशि वह कैसे करेगा, बैंक से लोन कैसे मिलेगा ? या जमीन-जायदाद बेचेंगे ?
4. यदि कोई सालाना 8 लाख आय के बावजूद आसानी से इतनी फीस चुका रहा है तो फिर उस ईडबल्यूएस प्रमाण पत्र पर भी सवाल खड़ा हो सकता है
– इस श्रेणी के जो छात्र-छात्राएं फीस नहीं दे पाएंगे तो उनकी रिक्त सीट को दूसरे से भरने का मौका कॉलेज को मिल जाएगा
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अन्य श्रेणियों में सरकार स्कॉलरशिप देती है। ईडबल्यूएस श्रेणी तो बनती ही आर्थिक आधार पर है। मात्र 8 लाख की आय पर एक करोड़ रुपए फीस चुकाना बेहद मुश्किल है। इससे सीट छोड़ने की नौबत आ सकती है।
(इडबल्यूएस के कुछ छात्रों के अनुसार)

इडबल्यूएस का लाभ वास्तविक गरीब व हकरदार को ही मिलना चाहिए। आरक्षित श्रेणी के लिए सरकारी की तरह निजी कॉलेजों में भी टयूशन फीस माफ होनी चाहिए।
सुनील शर्मा उदैइया, प्रदेश अध्यक्ष विप्र महासभा
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मैं इस बारे में सर्कुलर देखकर ही कुछ बता सकता हूं। अभी मुझे ज्यादा पता नहीं है।
डॉ.घनश्याम बैरवा, आयुक्त, चिकित्सा शिक्षा
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