उन्होंने लोकसभा में हाल ही में लाए गए कांस्टीट्यूशनल अमेंडमेंट बिल के जरीए महाराष्ट्र के मराठा समाज के आरक्षण मामले का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि इस मामले में भी सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी। हमारे विभाग ने सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू याचिका लगाई, लेकिन उसे भी कोर्ट ने खारिज कर दिया। जिसकके बाद केन्द्र सरकार लोकसभा में कॉस्टीट्यूशनल अमेंडमेंट बिल लाई है। इसके जरीए राज्य सरकारों को यह अधिकार दिए गए हैं कि राज्यों भी अपनी सूची में नाम जोड़ने-घाटने का काम कर सकती है।
केंद्र की योजनाओं का नहीं मिल पा रहा है लाभ वीरेंद्र कुमार ने कहा कि राजस्थान सहित कुछ राज्यों में केंद्र की जनकल्याणकारी योजनाओं का पात्र लोगों को पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है। कुछ राज्यों ने तो केंद्र की योजनाओं को अपने राज्योंं में नाम तक परिवर्तित कर दिया, लेकिन फिर भी पात्र लोगों को इन योजनाओं का लाभ नहीं पहुंचा पाए।
इन कार्यक्रमों में हुए शामिल, नहीं हुई पीसी इससे पहले वीरेंद्र कुमार ने भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा की ओर से गौतम नगर वाल्मीकि बस्ती में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुए और यहीं मोदी के मन की बात कार्यक्रम को भी सुना। इस दौरान भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतिश पूनियां, मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष कैलाश मेघवाल, विधायक मदन दिलावर व मोर्चा शहर अध्यक्ष जितेंद्र लोदिया भी मौजूद रहे। केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार ने यहां बस्ती के लोगों से संवाद भी किया। वीरेंद्र कुमार दुर्गापुरा स्थित कृषि अनुसंधान केन्द्र में अखिल भारतीय खटीक समाज अधिकारी—कर्मचारी परिषद द्वारा नवचयनित आरएएस अधिकारियों के अभिनंदन समारोह में भी शामिल हुए। उनकी प्रेस वार्ता भी होनी थी, लेकिन वह स्थगित हो गई।