यू-टर्न भी काम न आया
बजट में एफपीआई (विदेशी पोर्टफोलिया निवेश) पर ज्यादा सरचार्ज लगाने के फैसले से यू-टर्न लेते हुए वित्त मंत्री ने यह टैक्स वापस ले लिया था। इसके बावजूद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ( FPI ) ने अगस्त महीने में भारतीय पूंजी बाजारों से 5,920 करोड़ रुपए निकाल लिए। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि अगस्त माह में भारतीय पूंजी बाजारों से निकाला जाना आशा के विपरीत है।क्या कहते हैं आंकड़े
आंकड़ों पर नजर डालें तो चौंकाते हैं। अगस्त महीने के अंत तक विदेशी पोर्टफोलिया निवेशकों ने पूंजी बाजारों से जो राशि निकाली है उनमें शेयरों से निकाली गई राशि 17,592.28 करोड़ रुपए थी। वहीं, शुद्ध कर्ज या बॉन्ड बाजार से 11,672.26 करोड़ रुपए डाले। जाहिर है, कुल निकासी 5,920.02 करोड़ रुपए रही यानी इतनी राशि वापस भारतीय पूंजी बाजार में नहीं डाली। इससे पहले, जुलाई में विदेशी निवेशकों ने पूंजी बाजार से शुद्ध रूप से 2,985.88 करोड़ रुपए निकाले थे। माना जा रहा है कि भारत में चलती मंदी के कारण जहां भारतीय उपभोक्ता की खरीद गतिविधि रुकी है, वहीं अमेरिका और चीन के ट्रेड वॉर के चलते भी एफपीआई पर विपरीत असर डाला है।