विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के निर्देश पर मीडियाकर्मियों को सिर्फ पत्रकार दीर्घा तक सीमित कर दिया गया है। सालों से चल रही परम्पराओं के अंतर्गत मीडियाकर्मी हां पक्ष और ना पक्ष लॉबी तथा नेता प्रतिपक्ष, मुख्य सचेतक व मंत्रियों से उनके कक्ष में भी मिलने जाते रहे हैं।
विधानसभा के नियम हुए सख्त, प्रश्नकाल में जिस विधायक का प्रश्न होगा, वही कर सकेगा पूरक प्रश्न, अन्य नहीं मिलेगा मौका विपक्ष के नेताओं से मुलाकात के लिए मीडियाकर्मियों को ना पक्ष लॉबी और सत्ता पक्ष के विधायकों से मुलाकात के लिए हां पक्ष लॉबी में जाने की अनुमति हमेशा से रही है। आवश्यक होने पर मीडियाकर्मी मुख्यमंत्री कक्ष, विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के कक्ष, डीआइपीआर कक्ष में भी जाते रहे हैं। ऐसा पहली बार हुआ है कि जब मीडिया पर विधानसभा में इस प्रकार की पाबंदी लगाई गई है।
उधर, इस बार मुख्यमंत्री कार्यालय से लेकर सचिवालय के अधिकारियों-कर्मचारियों तक को जारी पास की संख्या में भी कटौती की गई है, इससे अधिकारियों में भी नाराजगी है कि सचिवालय से विधानसभा तुरंत कोई जानकारी मंगवानी होगी तो कैसे मंगाई जाएगी।
अनावश्यक पास नहीं बनेंगे
विधानसभा में इस बार प्रवेश पाना थोड़ा मुश्किल होगा। विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने प्रवेश पास बनवाने के लिए नए निर्देश दिए हैं। नए निर्देशों के मुताबिक इस बार मंत्रियों के पास कोई भी कैसे भी पास बनवाकर नहीं आ सकता। यहां तक कि विभाग के अधिकारी भी मनमर्जी से पास बनवाकर नहीं आ सकेंगे। प्रमुख सचिव की ओर से जो नाम आएंगे, वे ही अधिकारी विधानसभा में प्रवेश कर सकेंगे। इसी तरह सुरक्षाकर्मियों की संख्या में भी इस बार कटौती की जाएगी। विधानसभा के मानकों के हिसाब से ही पुलिसकर्मी इस बार विधानसभा में ड्यूटी पर तैनात रहेंगे।