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प्रदेश की कैडेवर अंग प्रत्यारोपण मुहिम लचर, नहीं हो रहे प्रत्यारोपण, दानदाता निराश

locationजयपुरPublished: Apr 14, 2019 02:05:27 pm

Submitted by:

Deepshikha Vashista

कैडेवर प्रत्यारोपण की सुविधा केवल एसएमएस और कुछ निजी अस्पतालों में उपलब्ध

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प्रदेश की कैडेवर अंग प्रत्यारोपण मुहिम लचर, नहीं हो रहे प्रत्यारोपण, दानदाता निराश

विकास जैन / जयपुर. प्रदेश में पांच साल पहले शुरू हुई कैडेवर अंग प्रत्यारोपण की मुहिम राज्य सरकार की लचर नीति के कारण धीमी पड़ती जा रही है। प्रदेश में पिछले एक माह के दौरान सामने आए दो मामलों में तो दानदाता की सहमति के बाद भी प्रत्यारोपण नहीं हो पाया। राजस्थान पत्रिका ने प्रदेश में कैडेवर प्रत्यारोपण की सुविधाओं की पड़ताल की तो सामने आया कि जयपुर में सवाई मानसिंह अस्पताल और कुछ निजी अस्पतालों के अलावा प्रदेश में कहीं भी यह सुविधा नहीं है।
24 घंटे में भी शुरू नही
हाल ही जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज में प्रत्यारोपण से पहले ही ब्रेन डेड का प्रचार करने और समय पर प्रत्यारोपण नहीं होने से परिजन खफा हो गए। 24 घंटे तक प्रत्यारोपण के लिए परिजन इंतजार करते रहे और इससे पहले उसका प्रचार कर दिया गया। इससे परिजन खफा हो गए। आइसीयू में भी परिजन और अस्पताल अधीक्षक डॉ. डीएस मीणा के बीच इस मामले में विवाद हो गया। खफा होकर परिजन ने कुर्सी उठा ली थी।
यों हुए परिजन नाराज
कोटा मेडिकल कॉलेज में एक ब्रेन डेड के परिजन ने सहमति दी, लेकिन वहां संसाधन नहीं। ब्रेन डेड को अंगदान के लिए जयपुर भेजा, लेकिन यहां स्थिति सही न होने से अंगदान नहीं हो पाया। परिजन ने कोटा मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों पर उन्हें धोखे में रखने के आरोप लगा सीबीआइ जांच की मांग तक की थी। इससे पहले कोटा के ही रावतभाटा में अंगदान की घोषणा के बावजूद अंगदान नहीं हो पाए थे।
ये बड़ी कमियां अब तक
एसएमएस अस्पताल के सामने अंगदान संस्थान बनना था लेकिन अब तक काम शुरू नहीं हो पाया। पांच साल पहले राज्य सरकार ने इसकी घोषणा की थी।

हृदय प्रत्यारोपण जयपुर में निजी अस्पताल में शुरू हुआ लेकिन एसएमएस में अब तक नहीं हो पाया। जबकि राज्य सरकार लगातार दावा करती रही है।
एसएमएस में लिवर प्रत्यारोपण के लिए विशेषज्ञों की दक्ष टीम तैयार नहीं हो पाई। एसएमएस आज भी इसके लिए दिल्ली के अस्पतालों की विशेषज्ञ टीम पर निर्भर है। 


अब तक यह स्थिति
30 कैडेवर दानदाता मिले प्रदेश में अब तक
53 किडनी 28 लिवर
16 हॉर्ट 01 लंग्स
01 पेनक्रियाज का प्रत्यारोपण अब तक प्रदेश में
300 है अभी कैडेवर किडनी प्रत्यारोपण की प्रतीक्षा सूची

परिजन आक्रोशित हुए तब मैं आइसीयू में मौजूद था। परिजन पहले से प्रचार होने से खफा थे। उन्हें अगले दिन सुबह लगा कि उन्हें अंगदान के बाद शव भी नहीं मिलेगा। – डॉ. डीएस मीणा, अधीक्षक

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