मिल गया चीनी वायरस कोरोनावायरस का इलाज
द गार्जियन (The Guardian) और चीन के मुख पत्र चाइना डेली (China Daily) अखबार की खबर की मानें तो कोरोना की दवाई मिल गई है. अखबार ने बताया है कि चाइना में मेडिकल अथॉरिटीज का कहना है कि जापान के नये टाइप के इंफ्लुएंजा ट्रीट करने की दवाई कोरोना वायरस का उपचार करने में असरदार साबित हो रही है. इसी आशय के लेख विकीपीडिया में भी देखे जा सकते हैं।

चीन के वुहान से निकला कोरोना वायरस लगभग पूरी दुनिया को अपने चपेट में ले चुका है. वैसे तो अब तक कोरोना वायरस की कोई सटीक दवा नहीं आई है. लेकिन इस बीच कोरोना की कारगर दवा को लेकर चीन के डॉक्टर्स की तरफ से कई दावे किए जा रहे हैं। चीन ने दावा किया है कि उसने कोरोना के इलाज के लिए दवाई बना ली है. दवाई का नाम है फेवीपिरावीर. साल 2014 में फ्लू के लिए जापान की कंपनी फूजिफिल्म ने बनाई थी ये दवा. चीन की पुष्टि के बाद फूजिफिल्म के शेयर के दाम भी बढ़ गए हैं. फ्लू की इस दवाई से कोरोना के ठीक होने का दावा किया जा रहा है.
जी हां, यदि द गार्जियन (The Guardian) और चीन के मुख पत्र चाइन डेली अखबार की खबर की मानें तो कोरोना की दवाई मिल गई है. अखबार ने बताया है कि चाइना में मेडिकल अथॉरिटीज का कहना है कि जापान के नये टाइप के इंफ्लुएंजा ट्रीट करने की दवाई कोरोना वायरस का उपचार करने में असरदार साबित हो रही है. इसी आशय के लेख विकीपीडिया में भी देखे जा सकते हैं।
इस दवाई का नाम फेवीपिराविर (favipiravir) है. साथ ही इसे एविगन (Avigan) के नाम से भी जाना जाता है. चीन के साइंस एंड टेक्नॉलिजी मंत्री के अधिकारी सांग शीनमिन के अनुसार, वुहान और शेनजेन में इस दवाई का 340 मरीजों पर क्लिनिकल ट्रायल किया गया है. ये अब तक की सबसे अधिक इफेक्ट करने वाली दवाई है. इसमें रोगी को 4 दिन में कोरोना पॉजिटिव से नेगेटिव होते पाया गया है. लोगों के फेफड़े 91 फीसद प्रतिशत ठीक हो गए. जबकि बाकी ड्रग में ये असर 62 फीसद देखा गया.
मीडिया के हवाले से चीन के डॉक्टरों ने कहा है कि, 'ये दवा बहुत सुरक्षित है और मरीजों के उपचार में स्पष्ट रूप से बहुत प्रभावी है.' पब्लिक ब्रॉडकास्टर एनएचके का कहना है कि शेन्झेन में कोरोना वायरस के जिन मरीजों को इलाज के दौरान ये जापानी दवा दी गई, चार दिनों में उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई जबकि बिना इस दवा के इलाज करा रहे लोग 11वें दिन भी पॉजीटिव ही पाए गए
जापान में डॉक्टर भी इस दवाई का इस्तेमाल कर रहे हैं. जापान के डॉक्टर ये तो मानते हैं कि प्रारंभिक हल्के फुल्के लक्षण इस दवाई से पूरी तरह ठीक किये जा सकते हैं पर बेहद गंभीर स्थिति होने पर ये दवाई असर नहीं करती . हालांकि HIV मरीज को दी जाने वाली दवाई के साथ भी इसी किस्म की लिमिटेशन देखी गई है... यानी गंभीर बीमार हो जाने वालों पर ये दवाएं सीमित ही असर करती हैं। हाल ही में जयपुर के चिकित्सकों ने कोरोना पीड़ित को HIV ठीक करने वाली दवाईयां दी थी जिसके परिणाम थोड़े बेहतर आए थे.
जानकारी के मुताबिक जापान में डॉक्टर्स हल्के से ज्यादा सभी लक्षणों वाले कोरोना वायरस के मरीजों पर इस दवा का उपयोग कर रहे हैं. डॉक्टर्स को उम्मीद है कि यह दवा मरीजों के शरीर में वायरस को बढ़ने से रोकेगा.
हालांकि जापान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस दावे को खारिज किया है. मेनिची शिंबुन का कहना है कि ये दवा कोरोना वायरस के गंभीर लक्षण वाले मरीजों पर कारगर नहीं है. मेनिची शिंबुन ने कहा, 'हमने 70 से 80 लोगों को एविगन दवा दी है लेकिन शरीर में कोरोना वायरस फैल जाने के बाद ये दवा काम नहीं करती है. बता दें कि जापान सरकार ने इबोला वायरस के प्रकोप का मुकाबला करने के लिए गिनी में आपातकालीन सहायता के रूप में फेवीपिरवीर दवा की आपूर्ति की थी. बता दें जापान में Covid-19 के मरीजों को पूरी तरह से फेवीपिरवीर दवा पर रखने के लिए सरकार की मंजूरी की आवश्यकता होती है क्योंकि ये मुख्यतौर पर फ्लू के लिए बनाई गई है.
आपको बता दें कि चमगादड द्वारा खाये गए फलों जिनमें खजूर, आम, आलू बुखारा सहित अन्य फल और जमीन पर गिरे फल खाने से जो बीमारियां होने का खतरा होता है. इसके इलाज के लिए फेवीपेरावीर दवा काम में ली जाती है. और ये दवा कोई नई दवा नहीं है।
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