69 साल की उम्र से शुरू की वर्जिश
जैसिंटो ने 69 साल की उम्र में व्यायाम को अपने नियमित जीवन में शामिल करते हुए इसे एक जुनून की तरह जिया है। अपनी इस दिनचर्या के कारण उन्हें शहरी में सभी ‘ग्रैंडफादर ऑफ क्रॉसफिट्स’ के नाम से जानते हैं। उन्होंने अलग-अलग जिम एक्सरसाइज के विभिन्न हिस्सों को मिलाकर क्रॉसफिट की अपनी एक खास शैली ‘जैसिंटो स्टॉर्म’ भी विकसित की है। 1939 में जन्मे जैसिंटो हर जन्मदिन पर उस साल जितनी ही एक्सरसाइज कर इसे यादगार बनाते हैं। इस साल भी उन्होंने 1 घंटा 14 मिनट तक 80 अलग अलग एक्ससरसीज़े के 80-80 सेटों में अपना बर्थडे वर्क आउट पूरा किया। यह उनकी उम्र के किसी भसी व्यक्ति के लिए बहुत शानदार उपलब्धि है।
जैसिंटो ने 69 साल की उम्र में व्यायाम को अपने नियमित जीवन में शामिल करते हुए इसे एक जुनून की तरह जिया है। अपनी इस दिनचर्या के कारण उन्हें शहरी में सभी ‘ग्रैंडफादर ऑफ क्रॉसफिट्स’ के नाम से जानते हैं। उन्होंने अलग-अलग जिम एक्सरसाइज के विभिन्न हिस्सों को मिलाकर क्रॉसफिट की अपनी एक खास शैली ‘जैसिंटो स्टॉर्म’ भी विकसित की है। 1939 में जन्मे जैसिंटो हर जन्मदिन पर उस साल जितनी ही एक्सरसाइज कर इसे यादगार बनाते हैं। इस साल भी उन्होंने 1 घंटा 14 मिनट तक 80 अलग अलग एक्ससरसीज़े के 80-80 सेटों में अपना बर्थडे वर्क आउट पूरा किया। यह उनकी उम्र के किसी भसी व्यक्ति के लिए बहुत शानदार उपलब्धि है।
बुज़ुर्गों की सोच बदलना चाहते हैं
जैसिंटो कहते हैं कि वे उन लोगों की सोच बदलना चाहते हैं जिन्हें लगता है कि बुजुर्ग रिटायरमेंट के बाद घर में पड़े सोफे से ज्यादा कुछ नहीं। साथ ही वे अपने जैसे बुजुर्गों को भी नए सिरे से जिंदगी को जीने और इसे भरपूर आनंद के साथ बिताने के लिए प्रोत्साहित करना चाहते हैं। जैसिंटो कहते हें कि यही कारण है कि मैं इतनी मेहनत करता हूं। जैसिंटो बताते हैं कि साल 2008 में उन्हें एक मैगजीन ‘हाई-इंटेसिटी’ में क्रॉसफिट के बारे में पढ़कर इसे करने की प्रेरणा मिली थी।
जैसिंटो कहते हैं कि वे उन लोगों की सोच बदलना चाहते हैं जिन्हें लगता है कि बुजुर्ग रिटायरमेंट के बाद घर में पड़े सोफे से ज्यादा कुछ नहीं। साथ ही वे अपने जैसे बुजुर्गों को भी नए सिरे से जिंदगी को जीने और इसे भरपूर आनंद के साथ बिताने के लिए प्रोत्साहित करना चाहते हैं। जैसिंटो कहते हें कि यही कारण है कि मैं इतनी मेहनत करता हूं। जैसिंटो बताते हैं कि साल 2008 में उन्हें एक मैगजीन ‘हाई-इंटेसिटी’ में क्रॉसफिट के बारे में पढ़कर इसे करने की प्रेरणा मिली थी।
सबसे बुजुर्ग क्रॉसफिट चैम्पियन
13 साल से क्रॉसफिट कर रहे जैसिंटो आज अमरीका के सबसे उम्रदराज क्रॉसफिट चैम्पियन हैं। 2006 में उन्हें प्रोस्टेट कैंसर का पता चला। इसके बाद उन्होंने केंसर को हराने के लिए क्रॉसफिट को ही अपना डॉक्टर बना लिया। उन्होंने इलाज के बाद फिर से जिम में पसीना बहाना शुरू कर दिया। अब जैसिंटो हर साल अपने स्वास्थ्य और फिटनेस का जश्न मनाते हैं। उनसे प्रेरित हो अन्य लोग भी क्रॉसफिट करने लगे हैं। वे क्रॉसफिट सोसायटी में सबसे सम्माननीय खिलाडी हैं।
13 साल से क्रॉसफिट कर रहे जैसिंटो आज अमरीका के सबसे उम्रदराज क्रॉसफिट चैम्पियन हैं। 2006 में उन्हें प्रोस्टेट कैंसर का पता चला। इसके बाद उन्होंने केंसर को हराने के लिए क्रॉसफिट को ही अपना डॉक्टर बना लिया। उन्होंने इलाज के बाद फिर से जिम में पसीना बहाना शुरू कर दिया। अब जैसिंटो हर साल अपने स्वास्थ्य और फिटनेस का जश्न मनाते हैं। उनसे प्रेरित हो अन्य लोग भी क्रॉसफिट करने लगे हैं। वे क्रॉसफिट सोसायटी में सबसे सम्माननीय खिलाडी हैं।