इस पहली बैठक में प्रदेश के सरकारी विश्वविद्यालय से जुड़े सभी कुलपति और प्रदेश के आला अधिकारी उपस्थित रहे, साथ ही विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और केंद्रीय मानव संसाधन विभाग के अधिकारी भी शामिल हुए। सुबह 11 बजे बैठक के पहले सत्र में को संबोधित करते हुए राज्यपाल कलराज मिश्र ने माना कि इस महत्वपूर्ण बैठक की अवधि में आए लंबे अंतराल के कारण जरूरी योजनाएं समय पर क्रियान्वित नहीं हो पाई।
राज्यपाल कलराज मिश्र ने बैठक की शुरुआत में यह भी कहा इस महत्वपूर्ण बैठक के जरिए प्रदेश के विश्वविद्यालय में शैक्षणिक गुणवत्ता में बढ़ोतरी करने पर विचार किया जाए, साथ ही विश्वविद्यालयों की विकास के लिए जो दिशा निर्देश और निर्णय लिए जा रहे हैं वह समय पर पूरे हो सके इस पर मंथन के साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएगा।
बैठक शाम तक चली। बैठक के पहले और दूसरे दोनों सत्रों में कुल 17 बिंदुओं पर कुलपतियों के साथ चर्चा की गई, जिसमें विभिन्न वर्गों के रिक्त पदों की स्थिति भर्ती की कार्य योजना वित्तीय स्थिति की समीक्षा और सुधार के लिए उपाय के साथ ही विभिन्न बिंदु शामिल है।
वहीं प्रदेश के विश्वविद्यालयों को स्मार्ट विश्वविद्यालय बनाने के लिए 16 बिंदु भी शामिल किए गए हैं, जिन पर भी चर्चा की गई। गौरतलब है कि इस बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा, उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी और तकनीकी और संस्कृत शिक्षा मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग को भी आमंत्रित किया था लेकिन वे बैठक में शामिल नहीं हुए। हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और चिकित्सा मंत्री पचपदरा रिफायनरी का दौरा पहले से प्रस्तावित था, जिसके चलते वो इस बैठक में शामिल नहीं हो पाए।