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तीन दशक बाद हो रहा ये बड़ा बदलाव

locationजयपुरPublished: Sep 08, 2019 06:15:50 pm

देश में एक बड़े बदलाव की आहट सुनाई दे रही है। करीब 33 साल बाद देश के शैक्षणिक ढांचे में बदलाव करते हुए नई शिक्षा नीति लागू करने की कवायद चल रही है।

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कोटा में रविवार को नई शिक्षा नीति के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति का मसौदा तैयार हो चुका है। यह विश्व का सबसे बड़े परामर्श के बाद तैयार किया मसौदा है।
लिए गए एक लाख 10 हजार सुझाव
भारत की नई शिक्षा नीति के मसौदे में 1 लाख 10 हजार ग्राम समितियों के सुझाव लिए गए हैं। इसके साथ ही सभी प्रदेशों के शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव, शिक्षा निदेशकों की राय भी इसमें शामिल की गई है। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों, अभिभावकों, शिक्षाविदों, स्टूडेंट की राय भी जोड़ी गई।
मसौदा बनने के बाद भी दो लाख से ज्यादा सुझाव
निशंक ने रविवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि नई शिक्षा नीति का मसौदा तैयार हो गया है। इसके बाद भी दो लाख से ज्यादा सुझाव आए हैं। जिसमें ज्यादातर में इस मसौदे की तारीफ की गई है और उसे जल्द लागू करने की मांग की गई है।
कैसी होगी नई शिक्षा नीति
अब पूरे देश में जिज्ञासा है कि 33 साल बाद आने वाली नई शिक्षा नीति कैसी है। इसके जरिए राष्ट्र निर्माण मजबूत करने की बात कहते हुए मंत्री निशंक ने कहा कि हम तेजी से अंतरराष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं की रैंकिंग में ऊपर जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी का विजन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन है कि हम ज्ञान, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विश्व स्तर पर पहुंचे। इसलिए उन्होंने राष्ट्रीय अनुसंधान का एक अभियान हाथ में लेने के निर्देश दिए है। इस अनुसंधान में हम आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षा नीति के क्षेत्र में और भी विकसित होगा।

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