निजी स्कूलों की मनमानी से परेशान अभिभावक, जिला शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन
निजी स्कूलों की मनमानी से परेशान अभिभावक
शिक्षा संकुल में दिया जिला शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन

ईसीएमएस की ओर से संचालित स्कूलों की मनमानी से परेशान अभिभावकों ने आज शिक्षा संकुल में जिला शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन दिया। उनका कहना था कि स्कूल की ओर से अभिभावकों पर फीस जमा करवाए जाने के लिए अनुचित दबाब बनाया जा रहा है वह भी उस स्थिति में जबकि मामला कोर्ट में है जिसमें स्पष्ट है कि फीस के लिए कोई दबाब नहीं बनाया जाए। कोर्ट के आदेशानुसार सरकार की तरफ से एक हलफनामा प्रस्तुत किया गया था जिसके मुताबिक ऑनलाइन क्लासेज को सरकार ने कैपेसिटी बिल्डिंग क्लासेज माना था इसके आधार पर अर्धवार्षिक परीक्षाएं कैसे हो सकती हैं। क्या माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान और सीबीएसई ने इस संबंध में कोई निर्देश जारी किए हैं? हलफनामे के आधार पर जितना सिलेबस उतनी ट्यूशन फीस निर्धारित की गई जिसका कोर्ट की ओर से निर्णय आना बाकी है। कोर्ट के निर्णय से पहले क्या स्कूल की ओर से फीस की मांग करना अनुचित नहीं है? एक समाज विशेष की ओर से संचालित स्कूलों द्वारा समस्त फीस को ट्यूशन फीस माना गया और फीस का अलग अलग मद में नहीं दर्शाना क्या अधिनियम २०१ और नियम २०१७ का उंल्लघन नहीं है। स्कूल द्वारा जिन विद्यार्थियों की फीस जमा नहीं हुई है उनकी ऑनलाइन क्लास बंद करना क्या सही है ? अभिभावकों ने कहा एेसे काफी मुद्दे हैं जिससे लगता है कि स्कूल प्रबंधन, सरकार, बोर्ड और कोर्ट से ऊपर है और मनमानी कर सकते हैं। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी से मांग कि वह स्कूलों की मनमानी रोक कर अभिभावकों को राहत प्रदान करें।
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