scriptअभी याद था और अभी भूल गए | memory loss | Patrika News

अभी याद था और अभी भूल गए

locationजयपुरPublished: May 20, 2020 02:32:54 pm

Submitted by:

Amit Purohit

आए दिन हम कुछ न कुछ भूलते ही रहते हैं। वास्तव में इसमें बहुत बड़ा हाथ चिंता और तनाव का होता है। कुछ हद तक यह दिमाग की अपनी कार्यशैली होती है, लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में स्मरण शक्ति की क्षमता में कमी आना बड़ी परेशानी की वजह भी बन जाता है। ऐसी स्थिति में कोशिकाएं काम करना बंद कर देती हैं। याद रखने, देखने, सुनने, सोचने आदि क्रियाओं से जुड़ी कोशिकाओं का नेटवर्क प्रभावित होता है।

अभी याद था और अभी भूल गए

अभी याद था और अभी भूल गए

बेहतर होगा कि समय रहते ही खुद को चिंता और तनाव से मुक्त रखना सीख लें। स्मरण शक्ति में कमी का यही एक कारण नहीं है, कई बार किसी चीज में हमारी दिलचस्पी भी यह तय करती है कि हमें क्या याद रहेगा और क्या हम भूल जाएंगे।
तनाव और चिंता से रहें कोसों दूर
अगर आपको महसूस हो रहा है कि आपकी स्मरण शक्ति कमजोर हो रही है तो एक बार यह भी जांच लें कि आप अत्याधिक चिंता तो नहीं कर रहें, या कि तनाव तो आपको नहीं सता रहा। अत्यधिक मानसिक तनाव डिमेंशिया या अल्माइजर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ा देता है। तनाव को दूर करने के उपाय करें। वास्तव में शरीर का नियंत्रण दिमाग ही करता है। जब हम हर समय तनाव से घिरे रहेंगे तो दिमाग का तंत्रिका तंत्र और उसकी कार्य शैली भी प्रभावित होगी ही।
दोहराएं या लिख लें
आप किसी चीज को मन ही मन दोहराते हैं, तो आपके लिए उसे याद रखना आसान हो जाता है। इसलिए आपको जो भी बात याद रखनी हो, उसे मन में दोहराते रहें। खासतौर पर ऐसी कोई बात, जिसे याद रखना आपके लिए जरूरी है लेकिन आपकी दिलचस्पी उसमें कम है। ऐसे में आप चाहें तो उन बातों को लगातार कागज पर लिखकर भी याद कर सकते हैं। इससे आपको उन शब्दों को याद रखने में आसानी होगी, जिन्हें भूलने का अंदेशा है।
दिमागी कसरत करते रहें
ज ब आप किसी याद रखे जाने के लिए जरूरी किसी बात को वास्तविक जीवन के उदाहरणों से जोड़ लेते हैं तो आपको वह देर तक याद रहती है। दिमागी कसरत करते रहें। कहा जाता है कि मानव जीवन भर अपने मस्तिष्क का बमुश्किल पांच से सात फीसदी ही इस्तेमाल कर पाता है। बाकी हिस्सा अनछुआ ही रह जाता है। लेकिन, अपनी याद्दाश्त को सुधारने के लिए आपको मस्तिष्क का व्यायाम जरूर करना चाहिए।
ध्यान और व्यायाम
अधिकांश लोगों की शिकायत होती है कि उनका दिमाग सुस्त चल रहा है। ऐसे में जांच लें कि क्या आप शारीरिक रूप से भी सक्रिय रहते हैं या नहीं। शारीरिक सक्रियता बढ़ाने के लिए व्यायाम का सहारा लें और नियमित तौर पर मेडिटेशन भी करें। इससे आपको अपनी याद्दाश्त बढ़ाने में मदद मिलेगी। कहा भी गया है, स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है। आपकी शारीरिक स्थिति का बहुत गहरा असर आपके मस्तिष्क पर पड़ता है।
अच्छा खाएं, पूरा सोएं
अपने खानपान को सुधारे। ऐसी चीजों को प्राथमिकता दें तो आपके शरीर के साथ-साथ मानसिक सेहत को भी बढ़ावा देने वाली हो। पूरी नींद लें। अगर आप पूरी नींद नहीं लेते हैं तो दिन भर चिड़चिड़ा महसूस करते रहेंगे और अपेक्षित सतर्कता की कमी रहेगी। इससे हमारी कार्यशैली भी बुरी तरह प्रभावित होगी। हमारे शरीर में एक तरह का प्रोटीन अनोलाइट बेटा भी होता है, जो नींद में गड़बड़ी के कारण असंतुलित हो जाता है और वजह बनता है अल्जाइमर जैसी बीमारी की। इसलिए स्वस्थ दिमाग के लिए भरपूर नींद बहुत जरूरी मानी गई है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो