साइबर एक्सपर्ट आयुष भारद्वाज ने बताया कि इन दिनों ठगों ने अपना तरीका बदल लिया है। वह किसी भी ग्राहक को वर्चुअल कॉल करते हैं और उस वर्चुअल कॉल के जरिए पूछते हैं कि क्या आप अपनी किस्त को इस माह में देना चाहते हैं या नहीं? यदि देना चाहते हैं तो एक दबाएं और एक्सटेंड करना चाहते है तो दो दबाइए। इस तरह ग्राहक उनकी बातों में फंसता जाता है और फिर उनके कहे अनुसार अपने मोबाइल के कीपैड से वह अंक दबाता रहता है। इसी तरह बातों ही बातों में बैंक का अकाउंट नंबर, क्रेडिट कार्ड का नंबर या डेबिट कार्ड का नंबर तक दर्ज करवा लेते हैं। जिससे ठगों के पास मौजूद सॉफ्टवेयर में यह नंबर दिखता जाता है। जिसके बाद वह ग्राहक के मोबाइल पर आने वाला ओटीपी नम्बर तक दर्ज करवा लेते हैं। दरअसल यह ओटीपी हैप्पी या वेलकम कोड के नाम पर दर्ज करवाते हैं। जो कि आपका सुरक्षा पिन का ओटीपी होता है।