पढ़ाई प्रभावित नहीं होगी
नियमों में बदलाव के बाद विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों को वर्तमान के साथ अगले छह महीने में रिक्त होने वाले पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू करनी होगी। इससे यह होगा कि शिक्षक या कर्मी के रिटायर होने से पहले नई भर्ती हो जाएगी, जिससे स्टूडेंट्स की पढ़ाई प्रभावित नहीं होगी।
विश्वविद्यालयों को इस काम के लिए छह माह मिले हैं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से देश के सभी विश्वविद्यालय और उच्च शिक्षण संस्थानों को नई गाइडलाइंस भेज दी गई है।
UGC के नए दिशा निर्देश केंद्रीय, राज्य व डीम्ड टू-बी विश्वविद्यालय समेत अन्य शिक्षण संस्थानों में भी लागू होंगे। अब संस्थानों को मौजूदा खाली पदों और अगले छह माह में खाली होने वाले पदों की रिपोर्ट बनाकर अपनी वेबसाइट के अलावा मानव संसाधन मंत्रालय को भेजनी होगी।
समय सीमा में पालन करने का निर्देश
नई गाइड लाइन के तहत पूरी चयन प्रक्रिया को 8 चरणों में बांटा गया है। इनमें रिक्तियों का पहचान करना, रिक्तियों को भरने की अनुमति लेना, रिक्तियों के लिए विज्ञापन जारी करना, चयन समिति का गठन करना, चयन समिति की बैठकों की तिथियां निर्धारित करना, आवेदनों की जांच पड़ताल करना, साक्षात्कार प्रारंभ करना और सक्षम प्राधिकारी का अनुमोदन शामिल है।
इन सभी के लिए समय सीमा तय की गई है। इनमें रिक्तियों को भरने की अनुमति के लिए 30 दिन की अवधि तय की गई है। इसी तरह आवेदन की जांच पड़ताल और साक्षात्कार के लिए भी तीस-तीस दिन का समय नियत किया गया है। यूजीसी ने इसके साथ ही विश्वविद्यालय से तय गाइड लाइन का समय सीमा में पालन करने का निर्देश दिया है।
आपको बता दें कि मौजूदा समय में देशभर के विश्वविद्यालयों में बड़ी संख्या में पद रिक्त है। केवल 48 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में ही करीब 5,000 पद खाली हैं। यूजीसी देशभर के 900 विश्वविद्यालयों और 40,000 से अधिक कॉलेजों की देखरेख करता है।