माइग्रेन एक ऐसी स्थिति है, जिसमें व्यक्ति काफी परेशान हो जाता है। किसी
काम पर फोकस नहीं कर पाता और गुस्सा या चिड़चिड़ापन उस पर हावी होने लगता है। लेकिन अक्सर लोग इस स्थिति में पेनकिलर खाने लगते हैं, जो सेहत के लिए सही नहीं। आप चाहें तो एसेंशियल ऑयल की मदद से इस दर्द में आराम पा सकते हैं।
नीलगिरी का तेल : नीलगिरी का तेल सिरदर्द के इलाज में प्रभावी होता है। इसका लाभ लेने के लिए नीलगिरी के तेल की कुछ बूंदों को किसी भी हल्के तेल में मिलाएं और इसे अपने माथे, गर्दन और छाती पर लगाएं। चाहें तो गर्म पानी के एक बड़े कटोरे में नीलगिरी के तेल की कुछ बूंदें मिलाएं और इस पानी की भाप लें। आप एक रूमाल पर नीलगिरी के तेल की कुछ बूंदें डालकर इसकी खुशबू को भी सूंघ सकते हैं।
कैमोमाइल ऑयल : माइग्रेन के दर्द के लिए कैमोमाइल तेल काफी फायदेमंद होता है। यह तेल चिंता और तनाव के लक्षणों को कम करने में भी मदद करता है जिससे सिरदर्द में आराम मिलता है। इसके प्रयोग के लिए किसी भी हल्के तेल की एक या दो चम्मच मात्रा को ेकैमोमाइल तेल की कुछ बूंदों के साथ मिलाकर पतला कर लें और अपने माथे की मालिश करें। दो से तीन बार में आपको काफी लाभ होगा।
लैवेंडर तेल की भाप लें : लैवेंडर तेल एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर होने के कारण सिरदर्द और माइग्रेन को कम करने में मदद करता है। यह रक्त वाहिकाओं को फैलाता है, जिससे नींद में सुधार होता है और तनाव घटता है। इसे प्रयोग करने के लिए गर्म पानी के एक कटोरे में लैवेंडर तेल की 5-10 बूंदें मिला लें। अब तौलिए से चेहरे को कवर करके भाप लें। जैसे-जैसे भाप आपकी सांसों से भीतर जाने लगेगी, सिरदर्द में आपको आराम मिलने लगेगा।
रोजमैरी ऑयल : माइग्रेन से राहत पाने के लिए रोजमैरी ऑयल भीफायदेमंद है। इससे तनाव व अनिद्रा को कम करने में मदद मिलती है। इसका इस्तेमाल करने के लिए एक कप चाय, पानी या सूप में रोजमैरी के तेल की कुछ बूंदें मिलाएं और इसका लाभ लें। इसके अलावा पिपरमिंट तेल की दो से तीन बूंदों, नारियल तेल की एक चम्मच मात्रा और रोजमैरी ऑयल की दो बूंदों को मिक्स करें और माथे पर लगाएं, लाभ होगा।