हालांकि इसके लिए अभी सरकार के आदेश का इंतजार है सरकार के आदेश मिलते ही इन प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजने की कार्रवाई शुरू हो जाएगी। लॉक डाउन के बाद से जयपुर जिले के 30 से ज्यादा शेल्टर होम में प्रवासी मजदूर रह रहे हैं।
हाल ही में जिला प्रशासन की ओर से किए सर्वे में 1700 प्रवासी मजदूरों का आंकड़ा सामने आया है। हालांकि सर्वे के दौरान मजदूरों ने जयपुर में रहने के बजाए अपने घर जाने की इच्छा जताई है। जानकारी के अनुसार शेल्टर होम में रह रहे प्रवासी श्रमिकों को काम दिलाने की तैयारी भी जिला प्रशासन ने शुरू कर की थी, लेकिन इन श्रमिकों ने अपने घर लौटने की इच्छा जताई है।
शेल्टर होम में रह रहे मजदूरों को भवन निर्माण सहित अन्य कामों में काम कराने के लिए कहा गया था लेकिन श्रमिकों ने इससे इंकार कर दिया, अब जिला प्रशासन इन्हें उनके घर भेजेगा। जिला कलेक्टर डॉ. जोगाराम ने बताया कि प्रवासी मजदूरों को अपने घर भेजने के लिए राज्य सरकार की दूसरे राज्यों से बात चल रही है।
जैसे ही भेजने की बात फाइनल हो जाएगी, इन्हें अपने घर रवाना कर दिया जाएगा। गौरतलब है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए पूरे देश सहित प्रदेश में भी लॉकडाउन घोषित किया था। लॉकडाउन में यहां रहने वाले अन्य राज्यों के मजदूर अपने घर लौट रहे थे।
ये मजदूर पैदल या अन्य साधनों से अपने घर जा रहे थे । जिसके बाद राज्य सरकार ने मजदूरों का पलायन रोकने और लॉकडाउन तक इन्हें यहीं रखने के लिए शेल्टर होम बनाए गए थे, जहां इन मजदूरों को शिफ्ट किया गया था। शेल्टर होम में उनके ठहरने, खाने-पीने की व्यवस्था जिला प्रशासन और भामाशाहों के जरिए की जा रही है।