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घर जाने को आतुर अंतरराज्यीय सीमाओं पर फंसे प्रवासी राजस्थानी

locationजयपुरPublished: Apr 16, 2020 05:01:24 pm

Submitted by:

jagdish paraliya

दक्षिण भारत के प्रांतों में व्यवसायरत व नौकरीपेशा लोगों को घर आने की चिंता

Migrant Rajasthani stranded on the interstate borders, eager to go home

Businessmen and employed people in the provinces of South India worry about coming home

नागौर . दक्षिण भारतीय प्रांतों में व्यवसायरत ‘मारवाड़ीÓ गुजरात तक पहुंचकर अटक गए। इनमें से कई व्यवसायी है तो कई नौकरीपेशा। राजस्थान से सटी गुजरात की सीमा में अनुमानित तौर पर दो से ढाई हजार प्रवासी अटके हुए हैं। हालांकि प्रशासनिक स्तर पर इनको क्वारेंटाइन सेंटर में रखा गया है और खाने-पीने के इंतजाम हैं, लेकिन क्वारेंटाइन की अवधि पूरी होने के बाद भी इनका वहीं फंसे रहना और मुश्किल बढ़ा रहा है। परिवार से मोबाइल पर बात करते हुए वे रूआंसे हो जाते हैं।
सिरोही जिले में करीब ३०० एवं सिरोही से सटी गुजरात सीमा में अनुमानित तौर पर ६०० से ७०० लोग अटके हुए हैं। कुछ ऐसी ही स्थिति जालोर, डूंगरपुर, उदयपुर आदि जिलों की है। जालोर जिले के ग्रेनाइट उद्योग में नागौर जिले के विभिन्न क्षेत्रों के मजदूर कार्यरत है। ये लोग लॉक डाउन के बाद यहां से नहीं निकल पाए। सिरोही से सटे गुजरात के अमीरगढ़ में नागौर शहर के करीब पच्चीस लोग कई दिन से अटके हुए हैं। लॉक डाउन होने से इनको राजस्थान की सीमा में प्रवेश नहीं मिल पाया।
घर जाने की जिद में छोड़ा खाना
बिछीवाड़ा (डूंगरपुर) . पिछले दिनों रतनपुर बॉर्डर क्रॉस कर जिले की सीमा में आने वाले कई यात्रियों को प्रशासन ने प्रारंभिक जांच के बाद क्वारेंटाइन किया था। इन यात्रियों को एक आश्रम छात्रावास चुंडावाड़ा में रखा गया था। लेकिन बुधवार को घर जाने की जिद में इन लोगों ने भूख हड़ताल कर दी। आखिर प्रशासनिक अधिकारियों की समझाइश के बाद ही माने और भोजन ग्रहण किया। दरअसल एक अप्रेल को ये लोग गुजरात से राजस्थान की सीमा में प्रवेश किया था। तब डूंगरपुर जिला प्रशासन ने इन 6२ यात्रियों को क्वारेंटाइन किया। जो कि उत्तरप्रदेश के विभिन्न जिलों रहने वाले है।
अजमेर : प्रशासन से की छोडऩे की मांग
जवाजा (ब्यावर). लॉकडाउन में आइसोलेट हुए लोगों ने बुधवार को भोजन का बहिष्कार कर प्रदर्शन किया। मामला राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय लोटियाना में बने अस्थायी आईसोलेशन सेंटर का हैं। यहां पर करीबन 51 से ज्यादा लोग वर्तमान में रह रहे हैं। मंगलवार शाम अपने गांवों में जाने की मांग को लेकर कुछ लोगों ने विरोध करना शुरू दिया। प्रशासन से अपने गांव भिजवाने की मांग करने लगे और भोजन का बाहिष्कर कर दिया। उपखंड अधिकारी व पुलिस की समझाइश के बाद लोगों ने भोजन ग्रहण किया।
14 दिन क्वारंटाइन में रह चुके लोगों को घर भेजे सरकार : बेनीवाल
नागौर. सांसद हनुमान बेनीवाल ने बुधवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ट्वीट कर राज्य के विभिन्न बॉर्डर पर तथा जिलों में क्वारंटाइन किए गए प्रवासी राजस्थानी लोगों को उनके गांव तथा शहर तक छोडऩे की मांग की। सांसद ने कहा कि जो व्यक्ति 14 दिन क्वारंटाइन में व्यतीत कर चुका है तथा स्वस्थ है, ऐसे व्यक्तियों को सरकार अपने स्तर पर उनके गांव तक पहुंचाने की व्यवस्था करे। सांसद ने इस संबंध में राज्य के मुख्य सचिव डीबी गुप्ता से भी फोन पर बात की और उन्हें सिरोही, जालोर, झालावाड़, अलवर व अन्य प्रांतों के सीमावर्ती जिलों पर हजारों की संख्या में क्वारंटाइन किए गए लोगों का हवाला देते हुए कहा कि सरकार के स्तर पर उनके गांव तक आने की व्यवस्था की जाए।
10000 श्रमिक अटके
सीकर, चूरू व झुंझुनूं जिले के सरकारी स्कूलों में बने पलायान सेंटर, बिल्डरों के अस्थाई आवास व किसानों के खेतों में लगभग दस हजार श्रमिक फंसे हुए हंै। इनको हरियाणा, पंजाब, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश आदि राज्यों में जाना है। सीकर व चूरू जिले में चार-चार हजार व झुंझुनूं जिले में लगभग दो हजार श्रमिक दूसरे राज्यों के है।

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