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घना से रुखसत होने लगे प्रवासी परिंदे, ठण्डे प्रदेशों के लिए भरी उड़ान

locationजयपुरPublished: Mar 28, 2016 04:16:00 pm

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गर्मी के सीजन की शुरुआत के साथ ही केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (घना) में ठण्डे प्रदेशों से आने वाले पक्षियों ने धीरे-धीरे अपने मूल निवास को रुखसत होने लगे हैं। इन दिनों सुबह नीचे आसमान में परिंदों को समूह में उड़ान भरते देखा जा सकता है।

Migratory birds move from ghana

Migratory birds move from ghana

गर्मी के सीजन की शुरुआत के साथ ही केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (घना) में ठण्डे प्रदेशों से आने वाले पक्षियों ने धीरे-धीरे अपने मूल निवास को रुखसत होने लगे हैं। इन दिनों सुबह नीचे आसमान में परिंदों को समूह में उड़ान भरते देखा जा सकता है।

इस सबके बीच पानी एवं भोजन की उपलब्धता के कारण कई परिंदों का मन अभी भी घना को छोडऩे का नहीं हो रहा है। यही वजह है किअभी भी अच्छी संख्या में प्रवासी पक्षियों की मौजूदगी बनी हुई है।

बार हेडड गीज, गैडबाल, सबलर, पिन्टेल, गागनी टिल, विजन, कॉमनटिल, चाइना कूट, व्हाइट आईविश, रफ, सैन टाइपर, ब्राह्मी डक, पोचर्ड ईगल, ग्रेट स्पॉट ईगल, मार्स हेरीयर व ईगल सहित अन्य प्रवासी पक्षी विभिन्न ब्लॉकों में नजर आ जा जाते हैं। इसमें बार हेडड गीज अच्छी खासी संख्या में हैं।

गे्र-हेरन व परपल हेरन के बच्चे बाहर निकल आए हैं, ये बच्चों को भोजन कराते दूर से नजर आ जाते हैं। उद्यान में सर्वाधिक दूरी तय कर पहुंचने वाला पक्षी विजन भी अभी मौजूद हैं। ये पक्षी साईबेरियन से लगे यूरोपियन बॉर्डर से घना पहुंचता है, जबकि ज्यादातर पक्षी मध्य एशिया व साईबेरिया से घना पहुंचते हैं।

 इसमें ज्यादातर मंगोलिया, इरान, और कजाकिस्तान की तरफ से सैकड़ों मील का फासला तय कर यहां पहुंचते हैं। सर्द मौसम की समाप्ति के बाद ये पक्षी अब धीरे-धीरे वापस अपने घरों की तरफ लौटने लगे हैं। हालांकि, उद्यान में इन दिनों भोजन की उपलब्धता के चलते काफी पक्षी इन दिनों यहां टिके हुए हैं।

छुट्टी में पयर्टकों की रही भरमार

शीतऋतु का सीजन भले ही विदा हो चुका है लेकिन घना में पर्यटकों की आवाजाही पर इसका कम ही असर दिखाई दिया। होली की छुट्टियों में अच्छी संख्या में पयर्टक यहां केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में भ्रमण के लिए पहुंचे।
पर्यटकों की चहल-पहल से नेचर गाइड व रिक्शा चालक व्यस्त दिखे। वहीं, होटलों में भी इस दौरान बुकिंग रही। पूर्व रेंजर भोलू अबरार खां ने बताया कि प्रवासी पक्षी अगले महीने से घना से उड़ान भर जाएंगे। अभी विभिन्न ब्लॉकों में आसानी से ये पक्षी नजर आ रहे हैं। हालांकि, काफी संख्या में पक्षी घना छोड़ चुके हैं।
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