नमकीन में आयोडाइजड नमक के स्थान पर घटिया डस्ट नमक का उपयोग किया जा रहा था। सिंथेटिक फूड कलर का उपयोग नमकीन बनाने में किया जा रहा है, लेकिन इसकी जानकारी पैकेट पर नहीं देना बहुत गंभीर माना जाता है। इससे एलर्जी की परेशानी वाली अन्य कोई बीमारी होती है। उनके लिए इनका सेवन बेहद घातक हो सेता है। इस फर्म से मौके से नमकीन के दो नमूने लेकर 2.5 क्विंटल मिलावटी नमकीन सीज की गई। परिसर में अत्यधिक गंदगी एंव अन्य कमियां पाई गई। जिस पर पाबंद करते हुए फर्म को खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के अंतर्गत सुधार नोटिस जारी किया गया।
वाहन चालक ने लगवाए फोन, फर्मो ने कहा उनका मावा है ही नहीं चिकित्सा विभाग की केन्द्रीय टीम ने दिवाली अभियान में की गई कार्यवाही के तहत निरिक्षण के दौरान चीथवाड़ी से एक मिनी ट्रक में जयपुर शहर के अलग अलग स्थानों के मावा व्यापारियों को आपूर्ति किए जाने वाले 65 ड्रम पकड़े। इनमें करीब 195 किलो मावा भरा हुआ था। रिक्शों और लोडिंग टैंपों से यह ड्रम गोपालजी का रास्ता न्यू सांगानेर रोड़, झोटवाड़ा,एवं दूध मंडी के मावा व्यापारियों के यहां आपूर्ति किया जाना था। शेष बचे 9 ड्रम जिन पर एचएनएस, एसएनजे, आरआर, बीआर, बीआरबी, आरएस अंकित थे। पकड़े जाने के दौरान विक्रेताओं को भी वाहन चालक से फोन करवाए। सभी विक्रेताओं ने उक्त ड्रम खुद के होने से इनकार कर दिया और मौके पर भी नहीं आए। ऐसी स्थिति में बहुत अधिक समय तक मावा पड़े रहने से खराब होने के बाद 270 किलो मावा नष्ट करवा दिया गया। मिनी ट्रक के ड्राइवर की ओर से दी गई सूचना पर फर्मो के मालिक -खाद्य कारोबार कर्ता ने अपने अपने मावे के ड्रम पहचान कर 13 नमूने लिए।