मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जयपुर प्रथम डा नरोत्तम शर्मा ने बताया कि इस पनीर की प्रारंभिक जांच में फेट की मात्रा 50 प्रतिशत की बजाय 14 प्रतिशत ही पाई गई। टीम ने बताया कि इस पनीर को बाजार में 240 रूपए प्रति किलो की दर पर बेचा जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक व मौके की जांच में पनीर उत्पाद में फेट की ही जांच की जाती है। शेष और पूरी जांच के लिए नमूना लिया गया है।
एक ही फर्म की दो शाखाओं पर होनी थी आपूर्ति डॉ शर्मा ने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ में इस पनीर की सप्लाई करने वालों ने पूछताछ में बताया कि यह पनीर जयलाल मुंशी का रास्ता और पांच बत्ती चौराहे के पास स्थित लक्ष्मी पनीर पर जा रहा था। इसका मालिक राजेश सावलानी है। पिकअप में पनीर लाने वालों से पूछा गया कि राजेश पनीर को कहां उतरवाता है तो बताया कि इस स्थान की जानकारी उन्हें नहीं है। उन्होंने बताया कि उनसे पनीर रामगढ़ मोड तक ही लाने को कहा जाता है और यहां से दूसरे वाहन में ले जाया जाता है। इसके बाद टीम लक्ष्मी पनीर पर पहुंची, जहां से पनीर का एक नमूना लिया गया। यहां मौके पर पनीर की खेप नहीं मिलने पर वहां मौजूद 5 किलो पनीर को नष्ट करवाया गया।
यहां से आ रहा मिलावटी पनीर व मावा
राजधानी में आस पास सहित कई जिलों से मिलावटी खाद्य सामग्रियां लगातार पहुंच रही हैं। इनमे अलवर, बीकानेर, हिंडोन, कामा, भरतपुर जैसे शहर शामिल हैं। यहां से लगातार मावे व पनीर की आपूर्ति जयपुर शहर के लिए होती है।