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आपकी एक चिट्ठी सिखा सकती है मिलावटखोर को सबक, त्योंहार पर रहें सजग और मिलावट की करें शिकायत

locationजयपुरPublished: Oct 09, 2019 07:10:59 pm

Submitted by:

Vikas Jain

– राजधानी जयपुर में इस साल बड़े स्तर पर सामने आ चुकी है मिलावट, करीब ४० हजार किलो खाद्य सामग्रियां अब तक नष्ट – अब दिवाली तक मिलावटी मिठाइयों से दूर रहकर सेहत का खयाल रखना सबसे बड़ी चुनौती- आपकी सजगता आएगी ज्यादा काम

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डेढ़ माह बाद भी जिले में नहीं पहुंची जांच रिपोर्ट

विकास जैन
जयपुर। इस साल चिकित्सा विभाग की टीमों ने बड़े स्तर पर मिलावटी खाद्य सामग्रियों को नष्ट करवाया, जब्त किया और सीज करने की कार्यवाही की। लेकिन क्या विभाग के इन प्रयासों से मिलावट थम गई या कम हो गई। इसका जवाब शायद विभाग के पास भी नहीं होगा। जयपुर जिले के ही पिछले छह सालों के आंकड़ों को देखें तो मिलावटी खाद्य सामग्रियों की पुष्टि होने के बावजूद भी मिलावटियों को बड़ी सजा आज तक नहीं मिल पाई है। विभाग ने छह सालों के दौरान अब तक करीब ३५ लाख रुपए के जुर्माने मिलावटखोरों पर लगाए हैं। लेकिन यदि विभाग के ही भरोसे रहने के बजाय यदि आमजन भी मिलावटखोरों को सबक सिखाना तय कर ले तो उपभोक्ता मंच के जरिये आसानी से मिलावटियों को उनकी करनी के लिए सबक सिखाया जा सकता है।
अगले २० दिनों तक दिवाली त्योंहार से पहले और दिवाली की धूम शहर में रहेगी। इस दौरान बड़े स्तर पर दूध, दूध और मावे से बनी मिठाइयों की बिक्री भी होगी। इनके अलावा अन्य खाद्य सामग्रियों का भी बंपर कारोबार होगा। इस दौरान मिलावटी मिठाइयों को आप अपने स्तर पर खुद पहचाने, उनकी अपने स्तर पर जरूरत हो तो जांच करवाएं और एक साधारण सी शिकायत चि_ी उपभोक्ता मंच को लिखकर मिलावट खोर के खिलाफ एक्शन दिलवा सकता है।
सेहत को नुकसान होन या मिलावट की पुष्टि होने पर दर्ज करवा सकते हैं परिवाद

कंज्यूमर एक् शन एंड नेटवर्क सोसायटी केन्स के संस्थापक अनंत शर्मा के अनुसार किसी खाद्य सामग्री का सेवन करने से आपकी सेहत को नुकसान हुआ तो आप उसकी शिकायत चिकित्सा विभाग को कर सकते हैं और उपभोक्ता मंच में भी परिवाद दायर कर सकते हैं। इसके अलावा किसी खाद्य सामग्री में मिलावट की आशंका होने पर उसकी जांच प्रयोगशाला में जांच करवाकर रिपोर्ट के आधार पर उसका भी परिवाद उपभोक्ता मंच में दायर किया जा सकता है।
असली मावे और

– मावे को अपने अंगूठे के नाखुनों पर रगड़ें, यदि यह असली है तो इसमें से घी की महक आएगी और वह खुशबू देर तक रहेगी
– हथेली पर मावे की गोली बनाएं, यदि यह फटने लग जाए तो वह मिलावटी हो सकता है
– दो ग्राम मावे को 5 मिलीलीटर पानी में घोल लें और इसे ठंडा होने दें, ठंडा होने के बाद इसमें आयोडी सोलूशन डाले, यदि यह नकली होगा तो इसका रंग नकली हो जाएगा
– मावे में थोड़ी चीनी डालकर इसे गरम करें, यदि यह पानी छोडऩे लगे तो यह मिलावटी हो सकता है
– थोड़ा मावा खाकर देखें, यदि यह मिलावटी है तो मुंह पर चिपक जाएगा
– असली मावे को खाने पर उसमें कच्चे दूध जैसा स्वाद आता है
– मिलावटी मावे को पानी में डालकर फेंटने से वह दानेदार टुकड़ों में हो जाएगा
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.नरोत्तम शर्मा के अनुसार

मिलावटी मावे से बनी या इससे बनी मिठाइयां खाने के बाद लक्षण

– फूड प्वाइजनिंग, उल्टी और पेट दर्द की शिकायत
– किडनी और लिवर पर बुरा असर पड़ सकता है
ऐसे करें असली दूध और नकली दूध में फर्क
असली-नकली मिठाई की ऐसे करें जांच

दो मिठाईयों के अलग-अलग सैंपल लें और दोनों को अलग-अलग बाउल में गर्म पानी में डालें। इसके बाद अलग-अलग रंग के आयोडीन लें और इन मिठाई वाले बाउल में डाल दें। अगर गर्म पानी वाले बाउल में मिठाई घुलकर रंग बदलती है तो इसका मतलब मिठाई मिलावटी हो सकती है

रंग वाली मिठाई की ऐसे करें जांच-

कई मिठाइयों में ज्यादा रंग होता है तो वो देखते ही पहचान में आ जाती है, क्योंकि उनका रंग चटक लाल होता है। लड्डू आदि का रंग बिल्कुल अलग लगे तो उसे लेने से बचें। वहीं थोड़ी सी मिठाई को दबाकर देखें और देखें कि रंग हाथ में तो नहीं लग रहा है और अगर आपके हाथ में रंग लग रहा है तो समझिए उसमें रंग मिला हुआ है। इसलिए जो मिठाई हल्के रंग की है तो वो ठीक है।
चांदी के वर्क की ऐसे करें पहचान-

चांदी वर्क की पहचान करने के लिए उसे हाथ से रगड़ें और अगर वर्क चांदी का होगा तो रगड़ते ही मिठाई से अलग हो जाएगा। अगर वर्क चांदी का नहीं होगा तो मिठाई में चिपका रहेगा। मिठाई में चिपका हुआ वर्क एल्युमीनियम का हो सकता है। इसलिए मिठाई खरीदते वक्त अच्छे से जांच कर देख लें और हो सके तो घर पर ही मिठाई तैयार कर लें।
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