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मावा-पनीर-मिठाई उद्योग बंद होने से दूध व्यवसायियों के सामने दूध की खपत की समस्या, सिर्फ घरों में या डेयरी में जा रहा दूध

locationजयपुरPublished: Apr 02, 2020 08:57:37 am

Submitted by:

dinesh

जयपुर जिले के पशुपालकों भी इस समय समस्या में हैं। दूध की बिक्री में कमी आने से पशुपालकों को दूध खपाने में समस्या आ रही है। दूध व्यवसायियों ने बताया कि लॉकडाउन के चलते इन दिनों मावा,पनीर,मिठाई के उद्योग बंद होने से करीब चालीस प्रतिशत की दूध की बिक्री कम हुई है…

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जयपुर। जयपुर जिले के पशुपालकों भी इस समय समस्या में हैं। दूध की बिक्री में कमी आने से पशुपालकों को दूध खपाने में समस्या आ रही है। दूध व्यवसायियों ने बताया कि लॉकडाउन के चलते इन दिनों मावा,पनीर,मिठाई के उद्योग बंद होने से करीब चालीस प्रतिशत की दूध की बिक्री कम हुई है। लॉकडाउन से पहले मावा,पनीर,मिठाई,शादी समारोह,होटल्स में दूध की काफी डिमांड थी। लेकिन अब यह डिमांड नहीं होने से पशुपालकों को पूरा दूध नहीं बिक रहा है। सबसे ज्यादा तो उन पशुपालकों के सामने समस्या आ गई है जो मावा पनीर आदि उद्योग के लिए दूध सप्लाई करते थे।
मावे और मिठाई की दुकान बंद
लॉकडाउन के चलते शहर में और ग्रामीण इलाकों में पिछले दिनों से मावे और मिठाई की दुकाने बंद हैं। हजारों लीटर दूध से मावा बनाने वाली सैंकड़ों भट्टियां इन दिनों ठंडी पड़ी हैं। नवरात्रि के समय में मावा,मिठाई और पनीर की काफी डिमांड रहती है। शादियों में प्रतिदिन हजारों लीटर दूध,पनीर और मावे की खपत होती थी। शहर के होटल ढ़ाबों पर भी पनीर,दूध दही की डिमांड रहती थी। लेकिन यह सब अब बंद होने से दूध की बिक्री में कमी आ गई है।
सिर्फ घरों में या डेयरी में जा रहा दूध
पशुपालक तेजपाल बराला ने बताया कि इन दिनों दूध की सप्लाई सिर्फ घरों में और डेयरी के लिए ही हो रही है। इसलिए करीब चालीस प्रतिशत दूध पशुपालक के पास बच रहा है। जो पशुपालक रोजाना सौ किलो दूध बेच रहा था वह अब पचास से साठ किलो दूध ही प्रतिदिन बेच पा रहा हैं। दूध की बिक्री कम होने और चारा महंगा होने से पशुपालकों को आर्थिक स्थिति से जुझना पड़ रहा हैं। जो पशुपालक दूध बेच कर अपना व मवेशियों का पेट पालते थे, इन दिनों वे काफी परेशान दिखाई दे रहे हैं।
देशभर में घटी मांग
देश में लॉक डाउन से दूध की बिक्री करीब 40 फीसदी तक घट गई है। एनसीडीएफ के अनुसार देशभर में सहकारी संस्थाएं रोजाना 5.10 करोड़ लीटर दूध सोसायटी के द्वारा खरीद रही है जबकि बिक्री 3.15 करोड़ की हो रही है।
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