मिड — डे मील में मिल्क पर लगेगा ब्रेक, सरकार समीक्षा के बाद करेगी निर्णय
शिक्षा राज्य मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने शनिवार को विधानसभा में घोषणा की कि अन्नपूर्णा दूध योजना ( mid-day milk ) की समीक्षा कर निर्णय (decide ) लिया जाएगा।

जयपुर। शिक्षा राज्य मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने शनिवार को विधानसभा में घोषणा की कि अन्नपूर्णा दूध योजना ( mid-day milk ) की समीक्षा कर निर्णय (decide )लिया जाएगा। डोटासरा ने कांग्रेस विधायक रोहित बोहरा की ओर से इस बारे में लगाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जवाब में यह बात कही। डोटासरा ने इस योजना की क्रियान्विति में आ रही समस्याओं तथा दूध में पर्याप्त पोषण नहीं होने व मिलावट की संभावनाओं को देखते हुए कहा कि बच्चों को पूर्ण पोषण मिले, इसके लिए सही विकल्प का चयन कर निर्णय लेंगे।
डोटासरा ने कहा कि विद्यार्थियों को दुग्ध वितरण में दूध की गुणवत्ता सुनिश्चित कर पाना एक बड़ी चुनौती है। यह मामला बच्चों के भविष्य से जुड़ा है तथा राज्य सरकार द्वारा इस विषय पर गंभीरता से अन्य विकल्प तलाशने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की ओर से दुग्ध वितरण में आ रही समस्याओं को समय-समय पर राज्य सरकार के समक्ष रखा गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से 2 जुलाई 2018 को अन्नपूर्णा दूध योजना शुरू की गई थी। पहले इस योजना के तहत सप्ताह में 3 दिन विद्यार्थियों को दूध देने का प्रावधान किया गया था। बाद में एक सितम्बर 2018 को इसे 6 दिन के लिए कर दिया गया।
डोटासरा ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत राजकीय विद्यालयाें, मदरसों एवं विशेष प्रशिक्षण केन्द्रों (एसटीसी) में कक्षा 1 से 8 तक अध्ययनरत विद्यार्थियों को दूध उपलब्ध कराया जा रहा है। योजना के तहत शहरी क्षेत्र में सरस डेयरी से दूध खरीद के प्रावधान किए है। ग्रामीण क्षेत्रों में पंजीकृत महिला दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों से दूध खरीद का प्रावधान किया गया है। इसके उपलब्ध नहीं होने पर महिला दूध उत्पादक सहकारी समिति, महिला स्वयं सहायता समूह, अन्य स्वयं सहायता समूह से दूध खरीदा जाता है।
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