यह है मामला
10 दिसंबर 2019 को बीडीएस द्वितीय वर्ष की छात्रा ने महेश नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि राहुल तनेजा ने 5 दिसंबर 2019 को तबीयत खराब होने का बहाना बनाकर बुलाया। आरोपी ने फ्लैट पर ड्रग्स देकर उसके साथ बलात्कार किया। नशा कम होने पर तड़के साढ़े तीन बजे वह किसी तरह अपने घर पहुंची। राहुल तनेजा ने भी युवती के खिलाफ झूठे केस में फंसाकर 10 लाख रुपए मांगने का मामला दर्ज करवाया था।
पांच लाख में समझौता…पैसे मांगे तो करवाया गिरफ्तार
मामले में पुलिस ने एक समझौता पत्र के आधार पर कोर्ट में एफआर पेश कर दी। समझौते में आरोपी की ओर से पीडि़ता को न्यायालय में धारा 164 के बयान बदलने पर पांच लाख रुपए देने की बात कही गई है। युवती की ओर से बयान बदलने के बावजूद उसे पैसा नहीं दिया गया। पैसा मांगने पर युवती को पुलिस ने दूसरे मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
नशे के इंजेक्शनों को दबाया…नहीं करवाई जांच
मामले में पुलिस को मौके पर आठ ट्रमोडोल हाईड्रोक्लोराइड के इंजेक्शन मिले थे। पुलिस ने पीडि़ता के कपड़े और बेडशीट को भी जब्त किया था, लेकिन इन्हें जांच के लिए एफएसएल नहीं भेजा। यहां तक की पीडि़ता की मेडिकल रिपोर्ट को भी नजर अंदाज कर दिया, जिसमें स्पष्ट रूप से चोट और बलात्कार की बात कही गई थी।
डीजीपी को लिखे पत्र ने खोली परतें
न्याय के लिए पीडि़ता ने पुलिस महानिदेशक को परिवाद दिया। जिसके बाद मामले की पुन: जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सिविल राइट्स दिनेश अग्रवाल को सौंपी गई। डीएनए मिलान के साथ इंजेक्शनों में भी प्रतिबंधित नशा पाया गया। दिनेश अग्रवाल ने बताया कि बलात्कार के साथ ही अब आरोपी के विरुद्ध एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।