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16 लाख रुपए का VIP नंबर खरीदने वाला निकला बलात्कारी, डीजीपी के निर्देश पर चार साल बाद करोड़पति पर कार्रवाई

locationजयपुरPublished: Jun 02, 2023 08:54:11 am

Submitted by:

Anand Mani Tripathi

Millionaire Become Rapist : करोड़पति व्यवसायी ने बीडीएस छात्रा से मेलजोल बढ़ाया और घर बुलाकर बलात्कार किया। फिर नोट दिखाकर पुलिस के पास समझौता पत्र पेश कर दिया।

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देवेन्द्र शर्मा शास्त्री जयपुर.

Millionaire Become Rapist : करोड़पति व्यवसायी ने बीडीएस छात्रा से मेलजोल बढ़ाया और घर बुलाकर बलात्कार किया। फिर नोट दिखाकर पुलिस के पास समझौता पत्र पेश कर दिया। इतना ही नहीं समझौते के पैसे मांगने पर पुलिस ने छात्रा को ही थाने में बंद कर दिया, लेकिन अपराध के सबूत नोट के बल पर दफन नहीं होते। शहर के महेश नगर थाने के चार वर्ष पुराने इस मामले की एफआर न्यायालय में स्वीकृत कर ली गई थी।

इसके बाद में सीआईडी ने मामले की तफ्तीश की तो बलात्कार के आरोपी को वैज्ञानिक सबूतों ने के आधार पर सलाखों के पीछे भिजवाया दिया। महेश नगर थाना पुलिस ने 29 मई को स्वेज फार्म स्थित फैलोसिटी सोलिटियर अपार्टमेंट निवासी राहुल तनेजा को गिरफ्तार किया। इवेंट कंपनी का मालिक राहुल तनेजा वर्ष 2018 में अपनी डेढ़ करोड़ की गाड़ी के 16 लाख रुपए में वीआईपी नंबर लेकर चर्चा में आया था।

 


यह है मामला
10 दिसंबर 2019 को बीडीएस द्वितीय वर्ष की छात्रा ने महेश नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि राहुल तनेजा ने 5 दिसंबर 2019 को तबीयत खराब होने का बहाना बनाकर बुलाया। आरोपी ने फ्लैट पर ड्रग्स देकर उसके साथ बलात्कार किया। नशा कम होने पर तड़के साढ़े तीन बजे वह किसी तरह अपने घर पहुंची। राहुल तनेजा ने भी युवती के खिलाफ झूठे केस में फंसाकर 10 लाख रुपए मांगने का मामला दर्ज करवाया था।

पांच लाख में समझौता…पैसे मांगे तो करवाया गिरफ्तार
मामले में पुलिस ने एक समझौता पत्र के आधार पर कोर्ट में एफआर पेश कर दी। समझौते में आरोपी की ओर से पीडि़ता को न्यायालय में धारा 164 के बयान बदलने पर पांच लाख रुपए देने की बात कही गई है। युवती की ओर से बयान बदलने के बावजूद उसे पैसा नहीं दिया गया। पैसा मांगने पर युवती को पुलिस ने दूसरे मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

नशे के इंजेक्शनों को दबाया…नहीं करवाई जांच
मामले में पुलिस को मौके पर आठ ट्रमोडोल हाईड्रोक्लोराइड के इंजेक्शन मिले थे। पुलिस ने पीडि़ता के कपड़े और बेडशीट को भी जब्त किया था, लेकिन इन्हें जांच के लिए एफएसएल नहीं भेजा। यहां तक की पीडि़ता की मेडिकल रिपोर्ट को भी नजर अंदाज कर दिया, जिसमें स्पष्ट रूप से चोट और बलात्कार की बात कही गई थी।

डीजीपी को लिखे पत्र ने खोली परतें
न्याय के लिए पीडि़ता ने पुलिस महानिदेशक को परिवाद दिया। जिसके बाद मामले की पुन: जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सिविल राइट्स दिनेश अग्रवाल को सौंपी गई। डीएनए मिलान के साथ इंजेक्शनों में भी प्रतिबंधित नशा पाया गया। दिनेश अग्रवाल ने बताया कि बलात्कार के साथ ही अब आरोपी के विरुद्ध एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।

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