इधर जारी हैं गिरफ्तारी वारंट-
दूसरी ओर मनी लॉड्रिंग के मामले में विशेष अदालत ने सिंघवी के खिलाफ 21 जनवरी,2019 को गैर-जमानती वारंट जारी कर दिया था। यह गिरफ्तारी वारंट आज भी प्रभावी है क्यों कि सिंघवी ने मनी लॉड्रिंग के मामले में ना तो आज तक सरेंडर किया है और ना ही गिरफ्तार हुए हैं। मनी लॉड्रिंग कोर्ट ने भी गैर-जमानती वारंट को जमानती वारंट में तब्दील करने की अर्जी खारिज कर दी है। इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट मंे दायर याचिका पर भी अब तक सिंघवी व अन्य आरोपियों को अब तक कोई राहत नहीं मिली है।
फरार ही हैं तो हाजिरी माफी कैसे-
शनिवार को सिंघवी सहित अन्य आरोपियों ने भ्रष्टाचार कानून वाले मुकदमे में हाजिरी माफी की अर्जी पेश की गई। ईडी के एडवोकेट जितेन्द्र पूनियां ने अर्जी का विरोध में कहा कि एक ओर आरोपी एसीबी वाले मामले में तारीख पर पेश नहीं होने के लिए हाजिरी माफी मांग रहे हैं,दूसरी ओर मनी लॉड्रिंग मामले में गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट की पालना में अदालत में पेश नहीं हो रहे हैं। अत: हाजिरी माफी की अर्जी खारिज कर सिंघवी सहित सभी आरोपियों की जमानत रद्द की जाए। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनकर सिंघवी सहित सभी आरोपियों की जमानत रद्द कर दी है।
घोषित करो भगोड़ा-
प्रवर्तन निदेशालय की ओर से अदालत में एक अर्जी पेश कर अशोक सिंघवी व अन्य आरोपियों को भगोड़ा घोषित करने की मांग की है। अर्जी में कहा है कि सिंघवी व अन्य आरोपी मनी लॉड्रिंग मामले में गैर-जमानती वारंट जारी होने के बावजूद अदालत के साथ लुकाछिपी का खेल खेल रहे हैं। इसलिए सभी आरोपियों को भगोड़ा घोषित किया जाए। अदालत ने इस अर्जी पर बहस के लिए 25 सितंबर की तारीख तय की है।