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Mineral and Mining: राजस्थान में खनिज लाइमस्टोन का भण्डार, ई—नीलामी के लिए 6 नए ब्लॉक होंगे तैयार

locationजयपुरPublished: Nov 08, 2022 12:31:08 pm

राजस्थान में माइनिंग डिपोजिट्स एक्स्पलोरेशन सेंपल्स के रासायनिक परीक्षण में तेजी के उत्साहजनक परिणाम प्राप्त होने लगे हैं।

Mineral Limestone: राजस्थान में खनिज लाइमस्टोन का भण्डार, ई—नीलामी के लिए 6 नए ब्लॉक होंगे तैयार

Mineral Limestone: राजस्थान में खनिज लाइमस्टोन का भण्डार, ई—नीलामी के लिए 6 नए ब्लॉक होंगे तैयार

राजस्थान में माइनिंग डिपोजिट्स एक्स्पलोरेशन सेंपल्स के रासायनिक परीक्षण में तेजी के उत्साहजनक परिणाम प्राप्त होने लगे हैं। माइंस, पेट्रोलियम एवं पीएचईडी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि विभाग की ओर से पिछले एक माह में 2386 सेंपल्स का रासायनिक परीक्षण करवाया गया है, जिसमें से अब तक प्राप्त 2042 सेंपल्स के रासायनिक परीक्षण परिणामों से नागौर, जैसलमेर और पाली में खनिज लाइमस्टोन और एसएमएस ग्रेड लाइमस्टोन के गुणवत्तायुक्त भण्डार मिले हैं, इससे ई—नीलामी के लिए 6 नए ब्लॉक तैयार हो सकेंगे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में विपुल खनिज भण्डारों को देखते हुए खनिज खोज और खनन कार्य को गति देने के निर्देश दिए हैं।

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खोज, ड्रिलिंग और सेंपल्स परीक्षण कार्य को देंगे गति
मुख्यमंत्री गहलोत द्वारा समय—समय पर दिए गए निर्देशों के क्रियान्वयन में विभाग द्वारा राजस्थान स्टेट मिनरल एक्स्पलोरेषन ट्रस्ट आरएसएमईटी के माध्यम से खनिज खोज, ड्रिलिंग और सेंपल्स परीक्षण कार्य को गति देने का योजनावद्ध क्रियान्वयन आरंभ किया गया है। पहले चरण में एनएबीएल एक्रिडिटेड प्रयोगशालाओं में रासायनिक परीक्षण हेतु 2386 सेंपल्स भिजवाएं गए हैं। इन सेंपल्स में से कुल 2042 सेंपल्स के परिणाम रासायनिक विश्लेषण उपरान्त प्राप्त हो चुके हैं। सेंपल्स के परिणाम उत्साहजनक होने से इनसे संबंधित क्षेत्र नागौर में खनिज लाइमस्टोन के 3, जैसलमेर में खनिज लाइमस्टोन व एसएमएस ग्रेड लाइमस्टोन के 2 व पाली में खनिज लाइमस्टोन का 1 ब्लॉक ई-नीलामी हेतु तैयार किए जा सकेंगे।
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आधुनिक प्रयोगशालाओं में ड्रिलिंग से प्राप्त सेंपल्स का परीक्षण
विभागीय संशाधनों की कमी को देखते हुए आरएसएमईटी के वित्तीय सहयोग से एनएबीएल एक्रिडेटेड प्रतिष्ठित प्रयोगशालाओं से ड्रिलिंग से प्राप्त सेंपल्स के परीक्षण का निर्णय लिया गया है। वित्तीय, तकनीकी, आधुनिकतम सुविधाओं और विशेषज्ञ मानव संसाधन की कमी के कारण हजारों की संख्या में सेंपल्स का परीक्षण नहीं होने के कारण कार्य प्रभावित हो रहा था। ड्रिलिंग से प्राप्त सेंपल्स के परीक्षण से खनिज की ग्रेड, कितनी गहराई में उपलब्धता, गुणवत्ता, भण्डारों की उपलब्धता आदि का आधुनिकतम तकनीक से परीक्षण होने से ऑक्शन के लिए समय पर ब्लॉक्स तैयार कर नीलामी की जा सकती है। इससे अवैध खनन पर रोक, वैध खनन को बढ़ावा, प्रतिस्पर्धात्मक दरों पर नीलामी, राज्य के राजस्व में वृद्धि के साथ ही वैज्ञानिक पद्धति से खनन को बढ़ावा दिया जा सकता है।
https://youtu.be/6pIdrADwrIQ

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