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मुख्य सचिव नहींअब खान मंत्री होंगे डीएमएफडी के राज्य स्तर पर अध्यक्ष

locationजयपुरPublished: Feb 24, 2019 02:49:07 pm

Submitted by:

Avinash Bakolia

1000 करोड़ सालाना खर्च कर सकती है कमेटी जिले में जिला प्रमुख को हटा, कलक्टर को बनाया अध्यक्ष
 

jaipur

मुख्य सचिव नहींअब खान मंत्री होंगे डीएमएफडी के राज्य स्तर पर अध्यक्ष

जयपुर. खानों से मिलने वाले सालाना 1000 करोड़ रुपए को जनोपयोगी कार्यों में खर्च करने के लिए बने राजस्थान डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउण्डेशन ट्रस्ट (डीएमएफटी) में मुख्य सचिव व जिला प्रमुखों को मिले अधिकार छीन लिए गए हैं। प्रदेश सरकार ने अब राज्य स्तर पर मुख्य सचिव के स्थान पर खान मंत्री और जिला स्तर पर जिला प्रमुख के स्थान पर जिला कलक्टर को डीएमएफटी का अध्यक्ष बनाया है। हाल ही सरकार ने डीएमएफटी में चुनाव से ठीक पहले भाजपा शासन में स्वीकृत हुए हजारों करोड़ के उन सभी कार्यों को रोक दिया था, जिनको वित्तीय स्वीकृति जारी नहीं हुई थी। डीएमएफटी में खानों से पर्यावरण सुधार के लिए वसूली जाने वाली राशि जमा होती है। ऐसे में इसमें सालाना करीब 1000 करोड़ रुपए जमा हो रहे हैं। यह राशि पर्यावरण सुधार के साथ क्षेत्रीय विकास पर ही खर्च की जा सकती है। इस मोटी राशि पर सभी की निगाह है। पिछले भाजपा शासन में भी सांसद, विधायक इसमें सदस्य सरकार पर दबाव बनाकर बने। करोड़ों रुपए का बजट होने से क्षेत्रीय विकास कार्यों को लेकर भी तनातनी की कई जिलों से शिकायत मिल रही थी। बताया जा रहा है कि राजनीतिक कारणों के चलते पहले खान मंत्री प्रमोद जैन भाया के निर्देश पर स्वीकृत कार्यों को रोका गया था। अब इसके अध्यक्ष बदले गए हैं। बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में तो इसके अध्यक्ष मंत्री के बजाय मुख्यमंत्री हैं।
2 करोड़ तक जिला स्तर पर
डीएमएफटी के तहत जिला स्तर पर बनी कमेटी में 2 करोड़ रुपए तक के क्षेत्रीय विकास के कार्य स्वीकृति किए जा सकते हैं। इससे ज्यादा राशि के कार्यों के प्रस्ताव राज्य स्तर पर भेजे जाते हैं। ऐसे में अब इन कार्यों को राज्य स्तर पर स्वीकृत मुख्य सचिव के बजाय खान मंत्री प्रमोद जैन भाया देंगे। इस योजना में 100 से 150 करोड़ तक के बड़े प्रोजेक्ट पर्याप्त बजट नहीं होने पर भी स्वीकृत किए जा सकते हैं। बताया जा रहा है कि कोई भी बड़ा प्रोजेक्ट सालभर में पूरा नहीं होता। ऐसे में इसमें आगामी सालों में भी प्रोजेक्ट के लिए राशि दी जा सकती है।
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