scriptMines and Petroleum: माइंस विभाग ने सिलिकोसिस पीडि़तों के लिए दिए 200 करोड़ | Mines department gave 200 crores for silicosis victims | Patrika News

Mines and Petroleum: माइंस विभाग ने सिलिकोसिस पीडि़तों के लिए दिए 200 करोड़

locationजयपुरPublished: Jun 23, 2021 07:01:07 pm

राज्य के सिलिकोसिस पीडि़तों ( silicosis victims ) के ईलाज व सामाजिक सुरक्षा के लिए माइंस विभाग ( Mines Department ) द्वारा 200 करोड़ रुपए उपलब्ध कराए जाएंगे। एसीएस माइंस एवं पेट्रोलियम ( Mines and Petroleum ) डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि विभाग द्वारा स्वीकृृत 200 करोड़ में से प्रभावित 9 जिलों को 120 करोड़ रुपए की राशि उपलब्ध भी करा दी है।

Mines and Petroleum: माइंस विभाग ने सिलिकोसिस पीडि़तों के लिए दिए 200 करोड़

Mines and Petroleum: माइंस विभाग ने सिलिकोसिस पीडि़तों के लिए दिए 200 करोड़

जयपुर। राज्य के सिलिकोसिस पीडि़तों के ईलाज व सामाजिक सुरक्षा के लिए माइंस विभाग द्वारा 200 करोड़ रुपए उपलब्ध कराए जाएंगे। एसीएस माइंस एवं पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि विभाग द्वारा स्वीकृृत 200 करोड़ में से प्रभावित 9 जिलों को 120 करोड़ रुपए की राशि उपलब्ध भी करा दी है। उन्होंने बताया कि सिलिकोसिस प्रभावित जिलों के जिला कलक्टरों को निर्देशित किया गया है कि वे संबंधित प्रभावितों को प्राथमिकता से सहयोग राशि उपलब्ध कराएं वहीं खनन पट्टाधारकों को सुरक्षा मानकों की सख्ती से पालना के निर्देश दिए गए हैं।
माइंस विभाग ने समीक्षा बैठक के दौरान संवेदनशीलता दिखाते हुए सिलिकोसिस पीडि़तों के दर्द को चिंहित किया और सिलिकोसिस को गंभीर बीमारी बताते हुए समय-समय पर अवेयरनेस कार्यक्रम चलाने और सहायता राशि समय पर उपलब्ध कराने पर जोर दिया था। राज्य के करौली, धौलपुर, भरतपुर, जोधपुर, सवाईमाधोपुर, दौसा, सिरोही और जयपुर जिले सिलिकोसिस प्रभावित है। उन्होंने बताया कि जिलों की आवश्यकता को देखते हुए जोधपुर के लिए 70 करोड़ 41 लाख रुपए करौली के लिए 58 करोड़ 29 लाख रुपए, भरतपुर के लिए 28 करोड़ रुपए, धौलपुर के लिए 12 करोड़ 90 लाख रुपए, दौसा के लिए 12 करोड़ 21 लाख रुपए, सिरोही के लिए 10 करोड़ 65 लाख रुपए व जयपुर 8 करोड़ 19 लाख रुपए स्वीकृत किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि सिलिकोसिस प्रभावित जिलों की आवश्यकता के अनुसार राशि स्वीकृत की गई है और जिला कलक्टरों को संवेदनशीलता से सहायता राशि व मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराने को कहा गया है।
सेंड स्टोन के खनन के दौरान आवश्यक सुरक्षा साधनों के उपयोग नहीं होने के कारण सिलिका के कणों से उडऩे वाली धूल सांस के साथ फेफडों में जमा होने से सिलिकोसिस बीमारी हो जाती है। खनन पट्टाधारियों को खनन के दौरान वेटड्रिलिंग व श्रमिकों को सुरक्षा उपकरणों में डस्ट मास्क के उपयोग को बाध्यकारी किया गया है। उन्होंने बताया कि विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे खनन गतिविधियों में सुरक्षा मानकों की सख्ती से पालना सुनिश्चित कराएं। इसके साथ ही समय-समय पर प्रभावित क्षेत्र के श्रमिकों व कारगरों के लिए स्वास्थ्य जांच शिविरों का आयोजन करवाने व आवश्यक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने को कहा गया है।
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