लेकिन एक बिचौलिए विकास डांगी ने अपने दो लाख रुपए अलग से माइंस होल्डर से मांगे। तीनों पर आरोप है कि रावतभाटा के ग्राम थमलाव स्थित चुनाई पत्थर की खान पर लगी 8.77 करोड़ की पेनल्टी माफ कराने के लिए पट्टा धारक से रिश्वत ले रहे थे।
एसीबी ने बुधवार को तीनों को कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें चार दिन के पुलिस रिमांड पर लिया है। वहीं, संयुक्त सचिव के घर की तलाशी में करोड़ों रुपए की प्रॉपर्टी के कागजात और १४ बचत खातों के साथ दो लॉकर के दस्तावेज भी मिले हैं। खान विभाग ने 2007 में थमलाव में चुनाई पत्थर का खनन करने के लिए एक हैक्टर का पट्टा जारी किया था।
खनन पट्टे की संविदा निष्पादित करने के लिए 27 दिसंबर, 2009 को जीपीएस के जरिए खनन पिट का सर्वे किया तो उस वक्त तक 3,98,534.40 टन खनिज का निर्गमन हुआ था, जबकि संविदा निष्पादन से लेकर निरीक्षण वाले दिन 21 जून, 2019 तक कुल 1,16,596.35 टन का निर्गमन वैध रवन्नों से किया गया।
अतिरिक्त खान निदेशक कोटा दीपक तंवर ने पट्टाधारक को पिट गणना के मुताबिक 2,81,938.05 टन खनिज के अवैध खनन करने का नोटिस जारी किया। नोटिस में खनन पट्टे के सीमांकन का सत्यापन करने पर खान की पश्चिम दिशा में 13,015.86 क्यूबिक मीटर अवैध खनन करते हुए भी पट्टाधारक को पकड़ा था।
पट्टे की शर्तों के मुताबिक पट्टा धारक को 0.33 हेक्टर इलाके में पौधरोपण की शर्त भी शामिल थी, लेकिन इसे सिरे से नकार दिया गया। साथ ही, खनन पिट में बिना निर्धारित माप के बैच बनाकर असुरक्षित खनन का भी खुलासा हुआ।