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अगर ऐसा नहीं किया तो नहीं बिकेगी किसानों की उपज

locationजयपुरPublished: Oct 16, 2019 06:11:12 pm

Submitted by:

Ashish

Minimum Support Price For Farmers : किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अपनी उपज बेचने का इंताजार रहता है।
 

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अगर ऐसा नहीं किया तो नहीं बिकेगी किसानों की उपज

जयपुर
Minimum Support Price For Farmers : किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अपनी उपज बेचने का इंताजार रहता है। वजह होती है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों को उपज का दाम कुछ सही मिल जाता है। उन्हें उपज बेचने के लिए मोलभाव नहीं करना पड़ता है। राजस्थान में अगले महीने से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मूूंग, उड़द, सोयाबीन और मूंगफली की खरीद शुरू हो जाएगी लेकिन इसके लिए आॅनलाइन पंजीयन की व्यवस्था शुरू हो गई है। अगर कोई किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अपनी उपज बेचना चाहता है तो उसे सबसे पहले आॅनलाइन पंजीयन करवाना होगा। बिना पंजीयन के कोई भी किसान अपनी उपज एमएसपी पर नहीं बेच पाएगा। आॅनलाइन पंजीयन के लिए किसानों को कुछ दस्तावेज और जानकारियां देनी होंगी। तभी उनका पंजीयन हो सकेगा।

आपको बता दें कि राज्य में एमएसपी पर उपज खरीद के लिए आॅनलाइन पंजीयन की प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही किसानों में एमएसपी पर अपना पंजीयन कर टोकन कटवाने की होड़ शुरू हो गई है। पंजीयन प्रक्रिया शुरू होने के पहले ही दिन करीब 50 हजार किसानों ने अपना पंजीयन करवा लिया। हालांकि कई स्थानों पर पंजीयन के लिए किसानों को परेशान भी होना पड़ रहा है। इसकी वजह है गिरदावरी की रिपोर्ट मिलने में हो रही देरी है। गिरदावरी रिपोर्ट नहीं मिलने से किसान आॅनलाइन पंजीयन ही नहीं करवा पा रहा है। अन्य कई दस्तावेज नहीं दिए जाने के कारण भी पंजीयन नहीं हो पा रहा है।

पंजीयन की यह प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही ई-मित्र केन्द्रों और खरीद केन्द्रों पर किसानों की भीड़ बढ़ने लगी है। हर किसान यह चाह रहा है कि एमएसपी पर खरीद के लिए उसका पंजीयन हो जाए। आपको बता दें कि एमएसपी पर खरीद के लिए पंजीयन करवाने के लिए किसानों से भामाशाह कार्ड नम्बर, खसरा गिरदावरी रिपोर्ट और बैंक पासबुक मांगी जा रही है। भामाशाह कार्ड नहीं होने की स्थिति में ई-मित्र पर तत्काल ही भामाशाह के लिए एनरोलमेंट करवाकर भी इस औपचारिकता को पूरा किया जा सकता है। एनरोलमेंट नम्बर मिलने पर भी एमएसपी पर खरीद के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी की जा सकेगी। अगर कोई किसान बिना गिरदावरी के अपना पंजीयन करवाएगा तो उसका पंजीयन समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए मान्य नहीं माना जाएगा।

319 केन्द्रों पर होगी खरीद
राज्य में 319 केन्द्रों पर खरीद होगी। मूंग, उड़द और सोयाबीन की खरीद 1 नवम्बर से प्रस्तावित है। जबकि मूंगफली की खरीद 7 नवंबर से प्रस्तावित है। मूंग के लिए 150, उड़द के लिए 60, मूंगफली के 72 और सोयाबीन के लिए 37 खरीद केन्द्र चिह्नित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि पिछले साल की तुलना में इस साल 19 खरीद केन्द्र ज्यादा शुरू किए गए हैं। केन्द्र सरकार को 3 लाख मीट्रिक टन मूंग, 96 हजार टन उड़द, 3.54 लाख टन सोयाबीन और 3.07 लाख मीट्रिक टन मूंगफली की खरीद के लक्ष्य भेजे गए हैं। केन्द्र से अनुमति मिलते ही इसकी खरीद शुरू की जाएगी।

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