दरअसल, राज्य में मूंग, उड़द, सोयाबीन और मूंगफली की एमएसपी पर खरीद के लिए आॅनलाइन पंजीयन की व्यवस्था को अनिवार्य कर दिया गया है। पंजीयन की यह प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही ई—मित्र केन्द्रों और खरीद केन्द्रों पर किसानों की भीड़ बढ़ने लगी है। हर किसान यह चाह रहा है कि एमएसपी पर खरीद के लिए उसका पंजीयन हो जाए। नागौर के जायल में गिरदावरी रिपोर्ट नहीं मिलने पर किसानों ने प्रदर्शन किया। हालांकि बाद में तहसीलदार रामसिंह के हस्तक्षेप और आश्वासन के बाद किसानों ने प्रदर्शन खत्म कर दिया।
पंजीयन के लिए यह होना जरूरी
आपको बता दें कि एमएसपी पर खरीद के लिए पंजीयन करवाने के लिए किसानों से भामाशाह कार्ड नम्बर, खसरा गिरदावरी रिपोर्ट और बैंक पासबुक मांगी जा रही है। भामाशाह कार्ड नहीं होने की स्थिति में ई-मित्र पर तत्काल ही भामाशाह के लिए एनरोलमेंट करवाने के लिए भी किसानों से कहा जा रहा है। एनरोलमेंट नम्बर मिलने से ऑनलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी हो सकेगी। अगर कोई किसान बिना गिरदावरी के अपना पंजीयन करवाएगा तो उसका पंजीयन समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए मान्य नहीं माना जाएगा।
319 केन्द्रों पर होगी खरीद
सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने बताया कि राज्य में 319 केन्द्रों पर खरीद होगी। मूंग, उड़द और सोयाबीन की खरीद 1 नवम्बर से प्रस्तावित है। जबकि मूंगफली की खरीद 7 नवंबर से प्रस्तावित है। मूंग के लिए 150, उड़द के लिए 60, मूंगफली के 72 और सोयाबीन के लिए 37 खरीद केन्द्र चिह्नित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि पिछले साल की तुलना में इस साल 19 खरीद केन्द्र ज्यादा शुरू किए गए हैं। केन्द्र सरकार को 3 लाख मीट्रिक टन मूंग, 96 हजार टन उड़द, 3.54 लाख टन सोयाबीन और 3.07 लाख मीट्रिक टन मूंगफली की खरीद के लक्ष्य भेजे गए हैं। केन्द्र से अनुमति मिलते ही इसकी खरीद शुरू की जाएगी।