राजस्थान में अभी मूंग, उड़द, सोयाबीन और मूंगफली की एमएसपी पर खरीद के लिए आॅनलाइन पंजीयन की प्रक्रिया जारी है। राज्य में इन फसलों की करीब 40 लाख मीट्रिक टन पैदावार होने का अनुमान है। लेकिन राज्य ने केन्द्र सरकार को 10.57 लाख मीट्रिक टन उपज की खरीद के प्रस्ताव भेजे हैं। ऐसे में किसानों को अपनी करीब 30 लाख मीट्रिक टन उपज बाजार में अपने स्तर पर ही बेचनी पड़ेगी। न्यूतनम समर्थन मूल्य पर किसानों को उपज के दाम हासिल करने में न ही मोलभाव करना पड़ता है और न ही ज्यादा परेशान। खरीद की राशि का भुगतान भी किसान के खाते में कुछ ही समय में कर दिया जाता है। इस वजह से भी किसान एमएसपी पर अपनी उपज बेचना चाहते हैं।
आॅनलाइन पंजीयन है जरूरी
आपको बता दें कि अगर कोई किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अपनी उपज बेचना चाहता है तो उसे सबसे पहले आॅनलाइन पंजीयन करवाना होगा। बिना पंजीयन के कोई भी किसान अपनी उपज एमएसपी पर नहीं बेच पाएगा। आॅनलाइन पंजीयन के लिए किसानों को कुछ दस्तावेज और जानकारियां देनी होंगी। तभी उनका पंजीयन हो सकेगा। किसान नजदीकी ईमित्र केन्द्र या खरीद केन्द्र पर जाकर 25 रुपए का शुल्क देकर अपना पंजीयन करवा सकते हैं।
पंजीयन के लिए ये जरूरी
पंजीयन करवाने के लिए किसानों से भामाशाह कार्ड नम्बर, खसरा गिरदावरी रिपोर्ट और बैंक पासबुक मांगी जा रही है। भामाशाह कार्ड नहीं होने की स्थिति में ई-मित्र पर तत्काल ही भामाशाह के लिए एनरोलमेंट करवाकर भी इस औपचारिकता को पूरा किया जा सकता है। एनरोलमेंट नम्बर मिलने पर भी एमएसपी पर खरीद के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी की जा सकेगी। अगर कोई किसान बिना गिरदावरी के अपना पंजीयन करवाएगा तो उसका पंजीयन समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए मान्य नहीं माना जाएगा। राज्य में 319 केन्द्रों पर उपज खरीद होगी।