Mining: खनन खोज और खनन कार्य को मिलेगी गति
जयपुर। राज्य में माइंस एवं पेट्रोलियम विभाग व हिन्दुस्तान जिंक के विशेषज्ञ मिलकर प्रदेश में खनन खोज एवं खनन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए समन्वित प्रयास करेंगे। इसके लिए हिन्दुस्तान जिंक और विभाग के विषेषज्ञ अधिकारियों की टीम गठित की जाएगी। इससे प्रदेश में खनन खोज और खनन कार्य को गति मिलेगी व प्रदेश में राजस्व व रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि खनन के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए पूरी प्रतिवद्धता, तकनीक, पारदर्शिता और इंवेस्टमेंट फ्रैण्डली के रुप में काम किया जाएगा। आक्शन प्रक्रिया को बेहतर बनाकर और तकनीक का प्रयोग कर राजस्थान को खनिज खनन के क्षेत्र में अव्वल प्रदेश बनाया जा सकता है। इन निर्णयों को आगे बढ़ाते हुए मोटे रुप से दो दिशाओं में कार्य किया जाएगा, जिसमें एक तो ऐसे क्षेत्रों को लिया जाएगा जहां अभी पूरी तौर से एक्सप्लोर नहीं हुआ है व दूसरा वह क्षेत्र जिसमें अभी तक पार्टली एक्सप्लोरेशन कार्य हुआ है। राजस्थान में अथाह खनिज संपदा है और उसके खोज और खनन कार्य को गति देने से राज्य में राजस्व बढऩे के साथ ही रोजगार के अवसरों का भी विस्तार हो सकेगा।
केन्द्र सरकार द्वारा गत माह माइनिंग क्षेत्र के लिए जो महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं उनका लाभ उठाते हुए प्रदेश में खनिज कार्य को आगे बढ़ाने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे। राज्य में कंपोजिट लाइसेंस के माध्यम से आक्शन प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की संभावनाओं और बिना एक्सप्लोरेशन के भी आक्शन की प्रक्रिया शुरु करने की संभावनाओं को तलाशा जाएगा। नान एक्सप्लोसिव प्रोस्पेक्टिव लाइसेंस की दिशा में कदम बढ़ाया जाएगा वहीं राज्य में खनन खोज व खनन कार्य में निजी क्षेत्र के विषेषज्ञों की सेवाओं की भी संभावना तलाशी जा रही है। हिन्दुस्तान जिंक के विशेषज्ञों ने पीपीटी प्रजेंटेशन के माध्यम से विस्तार से देश में खनन गतिविधियों व राजस्थान की संभावनाओं पर सुझाव दिए। छत्तीसगढ़, उडीसा आदि राज्यों ने अपने यहां सरलीकरण किया है, जिससे वहां खनन गतिविधियों को गति मिली है। उन्होंने प्रदेश का स्टेट वाइड मिनरल मेप बनाने, एक्सप्लोरेशन सेल गठित करने, संबंधित विभागों में परस्पर समन्वय के लिए इज ऑफ डूइंग के तहत सिंगल विण्डों क्लियरेंस सिस्टम विकसित करने और आंतरिक व बाहरी रिसोर्सेज को मजबूत बनाने का सुझाव दिया।